टीम बारा की एक अहम बैठक घूरपुर बाजार स्थित होटल ग्रेण्ड में संपन्न


समाज में भाषाई मर्यादा का बढ़ता उल्लंघन  गम्भीर चिंतन का विषय, लोकतंत्र के लिए खतरा...?

प्रयागराज (स्वतंत्र प्रयाग) प्रयागराज जनपद के बारा तहसील क्षेत्र के स्थानीय समाजसेवी संगठन " टीम बारा" की एक अहम बैठक घूरपुर बाजार स्थित होटल ग्रेण्ड में संपन्न हुई, बैठक में क्षेत्र के चतुर्मुखी विकास व सामाजिक सुधार एवं क्षेत्रीय नौजवानों में भाषाई मर्यादा के गिरते हुए स्तर पर भी चिंतन व्यक्त किया गया , वहीं बैठक में मौजूद विभिन्न समाजसेवी व युवाओं ने साझा भावना के साथ चिंतन किया कि आज के इस बदले समय में जितनी तेजी से हमारा युवा वर्ग दिशाहीन होता जा रहा है, उन्हें भारतीय सामाजिक संस्कृति की मुख्यधारा से जोड़ने और सोसल मीडिया के प्रति विशेष जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही बैठक में प्रमुखता से इस बात पर भी जोर दिया गया कि सार्वजनिक बहस में अपशब्दों की क्या है अनिवार्यता.?  समाज में गिरते हुए भाषा स्तर का जिम्मेदार.?

इसी प्रमुख विन्दु पर प्रकाश चंद्र शुक्ल (प्रचंड) ने कहा कि भाषा साहित्य की हो, धर्म या राजनीति की, वह मनुष्य का संस्कार होती है। भाषा सीखना, लिखना, पढ़ना , बोलना एक पक्ष है, लेकिन उसका व्यवहार संस्कार का सौंदर्य लगे, संवेदन का मर्म लगे और समाज या देश की पहचान बने यह भी जरूरी है। राष्ट्र केवल अर्थशास्त्र से नहीं बनता, न राजनीति ही उसे संपूर्ण राष्ट्र बनाती है, एक संपूर्ण राष्ट्र बनता है सामाजिक चेतना से, सभ्यता के उत्कर्ष से, जीवन के प्रति श्रेष्ठताबोध से! भाषा मनुष्य की चेतना का निर्माण करती है। वह मानवीय स्पंदन है, सौंदर्य है, संवेदन है और वे तमाम जीवन-व्यवहार भाषा से प्रकट होते हैं, जो मनुष्य अपने में जीता है।

 उक्त कार्यक्रम में रमाकांत यादव ने कहा कि एक सभ्य लोकतंत्र, राजनीति के पक्ष-प्रतिपक्ष, समर्थन-विरोध या प्रकृति-संस्कृति का ही लोकतंत्र नहीं होता। वह भाषा का लोकतंत्र भी होता है। भाषा लोकतंत्र की वाणी भी है, व्यवहार भी, संस्कार भी। राजनीति केवल विषय ज्ञान नहीं और न राजनीतिशास्त्र में उच्चतम उपाधि-प्राप्त कर लेने से आती है। 

इसी कड़ी में कार्यक्रम में मौजूद आनंद जायसवाल ने कहा कि  जिस देश का समाज बहुधर्मी, बहुभाषी, बहु-जातीय, बहुक्षेत्रीय हो, वहां का संविधान हमारी देशज और सार्वभौमिक सामूहिकता का श्रेष्ठतम समाज हो। हमारे पूर्वजों ने इसी आधार पर समाज की रचना की इसे आगे बढ़ाने की हमारी नैतिक जिम्मेदारी है 


वहीं पर  बैठक में मौजूद अन्य गणमान्य सदस्यों ने सामाजिक सुधार को और सुदृढ़ बनने के लिए इस बैठक में आगे की रूप-रेखा तैयार किया गया। यह सामाजिक संगठन (टीम बारा) विगत दस वर्ष से समाजिक उत्थान के लिए संचालित है । वर्तमान में क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर इस टीम बारा के प्रबुद्ध सदस्यों द्वारा चिंता व्यक्त किया गया, साथ ही साथ क्षेत्रीय शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य व्यवस्था, को लेकर भी टीम बारा के प्रबुद्ध सदस्यों व युवाओं ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के दूरदराज गांवों में आज भी अनेक लोग प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं।
"टीम बारा" के सदस्य ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें सरकारी
अस्पतालों में उचित इलाज दिलाने का बीड़ा उठाएंगे।


उक्त कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र में सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक योगदान देने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तियों को नवयुवक चूड़ामणि त्रिपाठी के द्वारा अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके प्रेरणादायक योगदान के लिए था, जिससे अन्य लोग भी सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित हों।
इस बैठक में कई समाजसेवी और जागरूक नागरिक मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से वाटस एप ग्रुप टीम बारा प्रबंधक अर्पित श्रीवास्तव, आचार्य मुकेश मिश्र, विजय प्रकाश कुशवाहा, शमशेर अहमद शेरू, अजय कुमार साहू, नरेंद्र कुमार मिश्र, दिनेश कुमार पाठक,राज सिंह, महमूद अली, रामू यादव, बाबूराम द्विवेदी, पंकज भार्गव, शशांक शेखर मिश्र, झब्बर सिंह, विकास यादव , आदर्श तिवारी,मान सिंह, शैलेश द्विवेदी सहित अन्य कई लोग शामिल रहे।

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