उद्यान विभाग द्वारा मशरूम के महत्व व महत्ता पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण।

लखनऊ ब्यूरो:(स्वतंत्र प्रयाग): निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डा आर० के० तोमर ने मशरूम के महत्व व महत्ता पर प्रकाश  डालते हुये कहा कि मशरूम में पाये जाने वाले पौष्टिक तत्वों की मानव शरीर के लिए  बहुत ही उपयोगी व लाभकारी है।  श्री तोमर मंगलवार  को क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र लखनऊ द्वारा  आयोजित 03 दिवसीय मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम  को सम्बन्धित कर रहे थे। 

 तोमर ने कहा कि इस प्रशिक्षण से रोजगार नवयुवक एवं नवयुवकों को एक नयी दिशा  मिलेगी। मशरूम का व्यवसाय बहुत ही लाभकारी  है, इसको छोटे स्तर पर प्रारम्भ कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। 

 मशरूम की दैनिक जीवन में उपयोगिता के बारे में अवगत कराया ।इस प्रशिक्षण को महिलाओं के काफी उपयोगी बताते हुये कहा कि  मशरूम उत्पादन एवं प्रोसेसिंग से काफी आय बढेगी, एवं जनमानस को मशरूम उत्पादन एवं उनकी उपयोगिता के बारे में समाज को नई दिशा मिलेगी। 

 इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ओस्टर मशरूम, बटन मशरूम का उत्पादन किस प्रकार से किया जाता है का प्रैक्टीकल डेमोस्ट्रेशन स्वयं लाभार्थियों के माध्यम से कराया गया।  

मशरूम के विभिन्न मूल्य सवंर्धित उत्पादों यथा सुखा हुआ मशरूम, मशरूम पाउडर, मशरूम सूप, मशरूम आचार, श्रीखण्ड, योगर्ट, कुकीज, मफिन्स, बेबी फूड, कैनिंग, मशरूम की विभिन्न सब्जियॉ, पुलाव, मशरूम सैंडविच, मशरूम बर्गर आदि के बनाने की तकनीकी जानकारी प्रैक्टीकल डेमोस्ट्रेशन के माध्यम से लाभार्थियों को उपलब्ध करायी जा रही है। 

 डॉ0 एस0के0 चौहान, निदेशक, क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, लखनऊ ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जनमानस को मशरूम आधारित उत्पादों का उपयोग दैनिक दिनचर्या में किस प्रकार अधिक से अधिक से प्रसारित किया जा सकता है एवं इसके उपयोग से अपने शरीर को निरोग एवं स्वस्थ्य बनाया जा सकता है। मशरूम उत्पादन एवं उससे निर्मित उत्पादों को तैयार कर उनकी बिक्री विभिन्न स्थानों जैसे की स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, मॉल, रिटेल बाजार, जिम आदि में आनलाइन/आफलाइन कराकर एक उद्यम स्थापित किया जा सकता है। इन सभी चीजों की तकनीकी जानकारी एवं मार्गदर्शन उद्यान विभाग में  द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।डा०चौहान ने  कहा कि संस्थान के किसानों/बेरोजगार नवयुवकों को कम पूंजी में मशरूम उत्पादन एवं उससे निर्मित विभिन्न उत्पादों को तैयार करते हुए अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने के साथ-साथ  कुपोषण को भगानें में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। 



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