मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ, लाभार्थियों को स्वीकृत पत्र का हुआ वितरण

 

चित्रकूट ब्यूरो: (स्वतंत्र प्रयाग): राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय तथा जिलाधिकारी  शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ एवं लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरण किया गया। 

राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने लाभार्थियों को स्वीकृत पत्र वितरण करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आज उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ किया गया है। जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों के पुनर्वास एवं संरक्षण हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। कहा कि विगत एक वर्ष से देश प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ है।

 उक्त में जोखिम में आने वाले ऐसे सभी बच्चों जिनके माता-पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण प्रभाव से मृत्यु हो गई है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हें अपनाना न चाहे अपनाने में सक्षम न हो भरण पोषण शिक्षा चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह योजना का संचालन किया है जिसका आप लोग लाभ लें।

जिलाधिकारी ने कहां की इस योजना में जीरो से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता/पिता, दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पूर्व हो गई थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिसके माता व पिता दोनों की मृत्यु 1 मार्च 2020 से पूर्व हो गई थी तथा उनके वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो ऐसे सभी बच्चों को शामिल किया गया है जिन्होंने इस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रुपए प्रति वर्ष से अधिक न हो, लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। एक परिवार के सभी बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा, 1 मार्च 2020 को या इसके बाद दो श्रेणियों में आने वाले बच्चों को ही योजना का लाभ दिया जाएगा।

जिसके अंतर्गत जीरो से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4 हजार रुपए प्रतिमाह की धनराशि देय होगी। औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हो एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अंतर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो उनको कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालय तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा। 

11 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की कक्षा 12 तक की निःशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश कराया जाएगा तथा विद्यालयों की 3 महीने की अवकाश अवधि हेतु बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4 हजार रुपए की दर से कुल 12 हजार रुपए की धनराशि प्रतिवर्ष वैध संरक्षक जिसकी अभिरक्षा में बच्चा हो, के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी तथा उक्त धनराशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले हो ही दे होगी।

 ऐसी सभी बालिकाओं की शादी हेतु एक लाख एक हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने योजना का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया तथा जांच, लाभार्थियों का सत्यापन, लाभार्थी के अपात्र होने के कारण, आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख, आदि जो शासन से दिशा निर्देश दिए गए हैं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री राम बाबू विश्वकर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आज जनपद के 13 परिवारों में से 27 बालक बालिकाओं को स्वीकृति प्रमाण पत्र माननीय मंत्री जी तथा जिलाधिकारी द्वारा शुभारंभ के अवसर पर दिया गया। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के शुभारंभ का सजीव प्रसारण भी कलेक्ट्रेट सभागार में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया।

इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि शक्ति प्रताप सिंह तोमर, जिला प्रोबेशन अधिकारी राम बाबू विश्वकर्मा सहित संबंधित अधिकारी तथा अन्य जनप्रतिनिधि व लाभार्थी मौजूद रहे।


उत्तम शुक्ला


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