जलवायु परिवर्तन के कारण जैव विविधता पर मंडरा रहे खतरे पर समीक्षा बैठक संपन्न
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चित्रकूट ब्यूरो:(स्वतंत्र प्रयाग): जलवायु परिवर्तन में निरंतर हो रहे बदलाव को लेकर शनिवार को चित्रकूट वन विभाग में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें बुंदेलखंड के जिला प्रभागीय वनाधिकारी,उप प्रभागीयवनाधिकारी,वनक्षेत्राधिकारियों ने सिरकत किया।
जलवायु परिवर्तन के द्वारा जैव विविधता पर जो खतरा मंडरा रहा है उस पर सभी लोगो ने गहन समीक्षा बैठक किया। मुख्य वन संरक्षक पी.पी.सिंह ने जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय अनुकूलन कोष पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस कोष की स्थापना वर्ष 2015-16 में की गई थी जिसका उद्देश्य कृषि, बागवानी, कृषि -वानिकी पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन को तैयार करना, और अद्यतन करना भेद्यता का आकलन करना और जलवायु प्रभाव मूल्यांकन की सहायता से पर्यावरण को संरक्षित करना है।
उन्होंने कहा कि जल और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का डटकर सामना करना होगा, तभी जलवायु परिवर्तन पर हो रहे बदलाव को स्थिर किया जा सकता है।
इसके लिए जरूरी है कि पर्यावरण को बचाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार और गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाए व सामाजिक संगठनों का सहयोग लेकर लोगो को जागरूक किया जाए। समीक्षा बैठक में वन संरक्षक चित्रकूटधाम एन. के सिंह के कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए पूरे बुंदेलखंड में हरित विकास और सतत विकास की प्रक्रिया को तेज गति देना होगा तभी जलवायु परिवर्तन में स्थिरता आएगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश ने कहा कि दिन-प्रतिदिन जिस तरह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है उसके लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक बृक्षरोपण किया जाए और नदी,तालाब व बड़े-बड़े जलाशयों की सफाई की जाए जिससे जैव विविधता को मजबूत किया जा सके।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बहुत से ऐसे जीव हैं जो बढ़ते तापमान के चलते अपनी प्रजनन क्षमता खो रहे हैं और उनमें बांझपन बढ़ रहा है जिससे जैव विविधता को भारी नुकसान हो रहा है।
उपप्रभागीय वनाधिकारी आर.के.दीक्षित ने सभी लोगो का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हम सभी लोगो को वन एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर होना पड़ेगा तभी हम जलवायु परिवर्तन को कंट्रोल कर सकते है।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर किसानों को लक्षित करने के लिए विस्तार सेवाएं और हैंड होल्डिंग सपोर्ट प्रथाओं के विभिन्न आयामों को परखना होगा जिससे जलवायु परिवर्तन शीलता के रिजल्ट सामने आ सके और किसानों द्वारा अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं का दस्तावेजीकरण बहुत जरूरी है।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी हमीरपुर यू.सी.रॉय,प्रभागीय वनाधिकारी महोबा संजय मल,उपप्रभागीय वनाधिकारी बाँदा एम.पी.गौतम,उपप्रभागीय वनाधिकारी उरई के.के. उपाध्याय मौजूद रहे।
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