कजरी कार्यशाला के समापन समारोह में लोक कलाकारों ने श्रोताओं को किया मंत्र मुग्ध
गोरिया गावै देखा सावन में कजरिया न
प्रयागराज:(स्वतंत्र प्रयाग): लोक संस्कृति विकास संस्थान की ओर से आयोजित दस दिवसीय निःशुल्क कजरी कार्यशाला का समापन समारोह रविवार को करमा नर्सिंग कॉलेज दांदूपुर के ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। लोकगीतों में रुचि रखने वाली चालीस महिला प्रतिभागियों को 7 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक आनंद योगालय सिविल लाइन्स में लोककलाविद उदय चंद्र परदेसी द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।
समापन समारोह की मुख्य अतिथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रयागराज की निदेशक डॉ विभा मिश्रा एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व संयुक्त निदेशक पुलिस अभियोजन मिर्ज़ापुर मंडल अखिलेश मिश्र रहे। अपने संचालन वक्तव्य में कार्यशाला के संयोजक लोक संस्कृति विकास संस्थान के अध्यक्ष शरद कुमार मिश्र ने कहा कि नगरीय सभ्यता में पले-बसे लोग भले ही अपनी सुरीली धरोहरों से दूर होते जा रहे हों।
परन्तु शास्त्रीय व उपशास्त्रीय बंदिशों से रची कजरी अभी भी उत्तर प्रदेश के कुछ अंचलों की खास लोक संगीत विधा है। कार्यशाला में प्रतिभागियों को ढुंनमुनिया, ख्याल की कजरी, चौलर कजरी सहित झालरिया, बारहमासा और शायरी कजरी आदि सिखाई गई। आशा है ये प्रशिक्षार्थी कजरी विधा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
कार्यक्रम का सह-संयोजन लोक गायिका प्रिया द्विवेदी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन के.एन.पी.सी. के प्रशासक एहतेशाम खान ने किया। इस अवसर पर डॉ एम.आई.खान, विक्रांत आनंद त्रिपाठी, राज खान, शशी कांत, राजेन्द्र,धर्मेंद्र, सुप्रिया सिंह रावत, रंगोली तिवारी, अनन्या तिवारी, नन्दिता आदि उपस्थित रहे।
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