दो फरार इनामी बदमाश को एसटीएफ ने लखनऊ में किए गिरफ्तार

 


लखनऊ (स्वतंत्र प्रयाग):- उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ और गोरखपुर से वांछित चल रहे दो इनामी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। जौनपुर जिले के महराजगंज इलाके में पेट्रोल पम्प पर हुई डकैती में वांछित चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी कुख्यात अपराधी विश्वजीत जायसवाल उर्फ जीतू को एसटीएफ ने लखनऊ के विभूतिखण्ड इलाके से गिरफ्तार कर लिया जबकि उसका साथी भागने में सफल रहा। गिरफ्तार बदमाश प्रतापगढ़ जिले के आसपुर देवसरा इलाके के तुरकोली गांव का रहने वाला है। उसके पास से एक तमंचा और कुछ कारतूस को मोबाइल फोन बरामद किया।उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि जौनपुर जिले के महराजगंज इलाके में पिछले माह 14 मई को पेट्रोल पम्प पर हुई डकैती में वांछित इनामी बदमाश विभूतिखण्ड इलाके में हयात होटल के पीछे निर्माणाधीन एल्डिको कार्पोरेट टावर के पास आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ बताये गये स्थान पर पहुंची और कुछ देर बाद दो लोग आते दिखाई दिए। मुखबिर के इशारे पर दोनों लोगों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया तो वे भागने लगे, जिस पर एसटीएफ ने विश्वजीत जायसवाल उर्फ जीतू को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि उसका साथी चन्दन जायसवाल है, जिसकी तलाश की जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश ने पूछताछ पर बताया कि उसने वर्ष 2018 में सबसे पहले सुलतानपुर जिले में मोटर साइकिल की लूट की थी। उसके बाद हौसला बढ़ने पर उसने छह-सात लोगों का अपना एक गिरोह बनाया तथा कुछ बड़ी घटना करने की योजना बनायी। उन्होंने बताया कि इसके खिलाफ विभिन्न थानों में 12 मामले दर्ज हैं। इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम घाेषित कर रखा था।उन्होंने बताया कि इसके अलावा गोरखपुर एसटीएफ की टीम ने फरार चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी बदमाश सैय्यद फैजान काे आज रामगढ़ ताल इलाके में हनुमान मन्दिर तिराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि इस बदमाश के खिलाफ चार मामले दर्ज हैं। पूछताछ पर बताया कि उसने अपने भाई सैय्यद ने अपने पिता सैय्यद फिरोज आलम के नाम कि एक कम्पनी बना रखी थी और सामान खरीदने बेचने का काम करते थे। उनकी कंपनी में काफी लोगाें का पैसा इन्वेस्ट कराया और बदले में सामान नहीं दे पाये, काफी लोगाें पुलिस में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया । इसकी कारण कम्पनी काे बन्द कर दिया गया और गाेल्ड कन्सटंक्शन के नाम से दूसरी कम्पनी खाेल ली। इस कम्पनी में भी काफी लोगाें का पैसा इन्वेस्ट करावाया। जब लोगाें द्वारा पैसा मांगा जाने लगा ताे उस कम्पनी भी बन्द कर दिया।प्रवक्ता ने बताया कि दोनों मामलों में उसके भाई और पिता के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराये गये। मुकदमा लिखे जाने के बाद से ही वह फरार चल रहा था और इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनामी घोषित कर रखा था। गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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