केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में दी जाने वाली वैक्सीन की कीमतें की तय, जाने कितने में लगेगी वैक्सीन
भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर कोवैक्सीन का विकास किया है। वहीं, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है। साथ ही साथ इसी माह रूस में निर्मित कोविड-19 की वैक्सीन ‘स्पुतनिक V' के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए भारत में मंजूरी मिल गई थी। ‘स्पुतनिक वी’ भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली तीसरी वैक्सीन है। भारत में इसका निर्माण डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज की ओर से होगा।
इसके साथ ही केंद्र सरकार स्टेट बाड़ी के साथ मिलकर रेट की हर रोज निगरानी करेगी। ज्यादा कीमत वसूलने पर प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स या निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी । केंद्र ने राज्यों से कहा है कि 150 रू सर्विस चार्ज से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल ना लें। राज्य सरकारों को इसकी निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।
इस प्रकार है वैक्सीन की गणित
केन्द्र सरकार ने वैक्सीन प्रोडक्शन कंपनीयों की कीमतों के बाद इसमें 5 % GST के अलावा ₹150 सर्विस चार्ज भी जोड़ा है। इसके मुताबिक कोवीशील्ड की कीमत ₹780 है इसमें ₹600 वैक्सीन की कीमत ₹30 जीएसटी और ₹150 सर्विस चार्ज शामिल है। कोवैक्सीन की कीमत 1410 रुपए में 1200 रुपए वैक्सीन की कीमत ₹60 जीएसटी और ₹150 सर्विस चार्ज है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V का दाम प्राइवेट अस्पतालों के लिए 1145 रुपया प्रति डोज ₹948 वैक्सीन का रेट ₹47 जीएसटी और ₹150 सर्विस चार्ज होगा।
केन्द्र ने 44 करोड़ करोड़ डोज का आर्डर दिया
राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देने के ऐलान के अगले ही दिन केंद्र सरकार ने वैक्सीन का एक बड़ा आर्डर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को 44 करोड़ वैक्सीन का आर्डर जारी किया, इसमें 25 करोड़ कोवीशील्ड और 19 करोड़ कोवैक्सीन शामिल है सरकार ने कंपनियों को ऑर्डर कि 30% रकम भी एडवांस में जारी कर दी है।
21जून से 18 प्लस के फ्री वैक्सीनेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी फ्री वैक्सीन का फायदा मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम की नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके मुताबिक केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 75% डोज खरीद कर राज्यों को मुफ्त में देगी, लेकिन राज्यों को वैक्सीन के डोज वेस्ट न हो इससे बचना होगा, नहीं तो उन्हें मिलने वाली सप्लाई पर असर पड़ेगा। साथ ही कहा गया है कि प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत मैन्युफैक्चरर्स कंपनियां ही घोषित करेंगी।
राज्य करेंगे वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता
केंद्र की तरफ से राज्यों को वैक्सीन के जितने डोज मिलेंगे ,उसमें राज्यों को प्राथमिकता तय करनी होगी। प्राथमिकता में हेल्थ केयर वर्कर सबसे ऊपर होंगे। इसके बाद 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों एवं फिर उन लोगों को प्राथमिकता देनी , होगी जिनका दूसरा डोज बाकी है। इसके बाद 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का नंबर आएगा। इसके वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार अपने हिसाब से प्राथमिकता तय कर सकेंगे।
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