गौशालाओं में कराह रहे मवेशी का आखिरकार जिम्मेदार कौन

 


खीरी/प्रयागराज(स्वतंत्र प्रयाग) सरकारी गौशालाओं में बंधे हुए मवेशी ही बता रहे हैं कि शासन की तरफ से मिलने वाले बजट में हेराफेरी किया जा रहा है। सचिवालय से लेकर जिले तक के जिम्मेदार अफसर भी धन के दुरुपयोग को रोकने में लगे हुए हैं, लेकिन मौके की स्थिति की नजर इन अफसरों पर नहीं पड़ती। पहली ही बरसात में गौशालाओं की हकीकत सामने आ गयी। कहीं-कहीं आज तक नीचे की फर्श (जमीन )भी नहीं बन पायी है। कच्ची फर्श होने के कारण दलदल में दिन-रात पशु खड़े रहते हैं। जिससे कई पशुओं को आए दिन मौत का सामना करना पड़ रहा है। 


चारा के लिए सरकार द्वारा प्रति मवेशीयों को प्रतिदिन के लिए 30 रुपया दिया जा रहा है। इसके बावजूद भी भूसा पशुओं की संख्या के आधार पर स्टाक नहीं है। देवरी गोवंश आश्रय में 252 की जगह 270 पशु मौके पर बंधे हैं। वही पवांरी में 66 मे से 60 ही मौके पर हैं। बहरैचा में 158 में 40 पशु ही मौके पर दिख रहें हैं। ऐसी स्थिति में जिम्मेदार निरीक्षण करके लौट जाते हैं लेकिन उनकी निगाहें इन बिंदुओं तक नहीं पहुंच पाती। गौशालाओं में काम कर रहे पशुपालकों को 2019 से अभी तक एक रुपया मजदूरी नहीं मिली है जो कि सबसे बड़ा चिंता का विषय बना हुआ है। गोपालको का आरोप है कि सरकार द्वारा मेरी मजदूरी अगर नहीं दी गई तो हम लोग मजबूर होकर काम नहीं कर पाएंगे।

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