होयसल साम्राज्य द्वारा १२वीं शताब्दी में निर्मित वीरनारायण मंदिर उत्कृष्ट नमूना

 विश्वनाथ जी 

              भगवान विष्‍णु को समर्पित यह अलौकिक मंदिर

चिकमंगलूर/कर्नाटक(स्वतंत्र प्रयाग) होयसल साम्राज्‍य की कला का एक और उत्‍कृष्‍ट नमूना है, वीरा नारायण मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के चिक्कमगलुरु जिले के एक गाँव बेलावडी में स्थित है किवदंती है कि पांडव पुत्रों में से एक भीम ने ग्रामीणों की रक्षा के लिए यहां पर राक्षस बकासुर का वध किया था। भगवान विष्‍णु को समर्पित इस मंदिर का निर्माण होयसल साम्राज्य के शासन काल में हुआ था। बेलावडी को महाभारत में वर्णित स्थान कहा जाता है जहां पांडव राजकुमार भीम ने राक्षस बकासुर को मार डाला और गांव और उसके लोगों की रक्षा की।  बेलावडी चिकमगलूर-जावागल राजमार्ग पर चिकमगलूर शहर से 29 किमी दक्षिण पूर्व में है।  यह प्रसिद्ध मंदिर शहर हलेबिदु से थोड़ी दूरी पर है।

बेलावडी श्री वीरनारायण मंदिर एक शास्त्रीय उदाहरण है जहां अद्वितीय मंदिर योजना को क्रियान्वित किया जाता है।  मंदिर एक त्रिकुटा है जिसमें पूर्व की ओर केंद्र में श्री वीरनारायण, उत्तर की ओर श्री वेणुगोपाल और दक्षिण की ओर श्री योगनरसिंह हैं।


होयसल साम्राज्य द्वारा १२वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था। इसमें सबसे खास बात यह है कि भीमसेन ने यहीं बकासुर का वध किया था। वर्ष 23 मार्च को सूर्य इस मंदिर के बीचोबीच आता है। 23 मार्च को सूर्य की स्थिति को ध्यान में रखकर इस मंदिर को बनाना अपने
आप में एक हैरान करने वाली वास्तुकला है ।


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