सुलभ की हत्या पर कौशाम्बी के पत्रकारों में आक्रोश, पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट पहुंच सौंपा ज्ञापन
प्रतापगढ़ में पहले भी पत्रकार समेत डिप्टी एसपी जियाउल हक की हो चुकी है हत्या
कौशाम्बी ब्यूरो(स्वतंत्र प्रयाग) पत्रकार ईमानदारी से काम करे तो मौत मिलती है। हर कोई पत्रकार से उम्मीद करता है कि सच दिखाए, सच लिखे, लेकिन पाठकों, दर्शकों ने क्या कभी सोचा है कि एक पत्रकार जिसे कहने को कलम का सिपाही कहते हैं, आखिर वह किन विपरीत परिस्थितियों में आप तक सच परोसता है। और बदले में उसे मिलता है मुकदमा, जेल या फिर मौत। लेकिन तब न कोई पाठक, दर्शक उस सच के सिपाही के साथ खड़ा होता है और न ही उस परिवार का कोई दुःख, दर्द सुनने समझने वाला होता है। देर रात संस्थान की सेवा के लिए बारिश के मौसम में अपनी मोटरसाइकिल से खबर करके वापस बच्चों के पास लौट रहे प्रतापगढ़ के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की हत्या कर दी जाती है। दूसरे दिन उसकी लाश मिलती है। लाश मिलने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस के मुताबिक घटना को सड़क दुर्घटना बता दिया जाता है। यह बातें सोमवार को मुख्यालय में सुलभ श्रीवास्तव के निधन पर आयोजित शोक सभा में पत्रकारों ने कही। इसके बाद पत्रकार कलेक्ट्रेट पहुंचकर मांगों से संबंधित एक ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा।
पत्रकार अभिसार भारतीय ने कहा कि शराब माफियाओ के खिलाफ खबर चलाना, लिखना और बदले में मौत मिलना। यह कोई नया मामला नहीं है। आपको बता दें कि 21 दिसम्बर 2014 को एक राष्ट्रीय अखबार के प्रतापगढ़ ब्यूरो चीफ रहे व तत्कालीन ईटीवी के स्टेट हेड ब्रजेश मिश्रा के बड़े भाई अमरेश मिश्रा शराब माफियाओ के खिलाफ खबर छापकर देर शाम कौशाम्बी स्थित अपने घर जा रहे थे, तभी प्रतापगढ़ के मुख्य मार्ग पर सड़क हादसे में संदिग्ध अवस्था में उनकी मौत हो गई थी। सुलभ श्रीवास्तव व्यक्तिगत रूप से बेहद सरल और सौम्य मिजाज के थे। सुलभ एक गंभीर पत्रकार थे, जिन्हें अपने काम से मतलब रहता था। ऐसे में खबरो से वास्ता रखने वाले एक मजबूत पत्रकार की हत्या कर देना लोकतंत्र की हत्या करना है। बावजूद इसके इतनी बड़ी घटना पर दुर्घटना का कफन पहनाना बेहद शर्मनाक है। वहीं इस घटना में हत्या का मुकदमा तो दर्ज हो गया है। सुलभ की पत्नी ने कहा कि उन्होंने कई बार उच्चाधिकारियों को अपने जान-माल के खतरे की खबर दी थी, लेकिन इसके बाद भी न तो उन्हें कोई सुरक्षा उपलब्ध कराई गई और न ही किसी का सहयोग मिला। हालांकि मीडिया और सोशल मीडिया में मची हायतौबा के बीच प्रतापगढ़ पुलिस ने भी अपने सुरों को बदल दिया और एक बार पुनः जांच किये जाने की बात कही है। एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने माना है कि सुलभ लगातार हमारे संपर्क में थे और घटनास्थल को देखकर सड़क हादसा ही प्रतीत हो रहा है, लेकिन हर बिंदु पर जांच जारी है। निश्चित इस घटना में जो भी लोग संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने घटना की घोर निंदा करते हुए प्रतापगढ़ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। कहा कि पुलिस जल्द पत्रकार साथी की संदिग्ध मौत के मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे। इस दौरान अशोक विश्वकर्मा, मोहम्मद याशीन, विमलेश शुक्ल, योगेंद्र ंिसंह, मो. शमशाद, निरंजन चैधरी, अखिलेश गौतम आदि उपस्थित रहे।
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