राम मंदिर जमीन खरीद घोटाले से जनता खुद को महसूस कर रही है ठगा- कांग्रेस

 

राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौप, उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की की गई मांग, 

कौशाम्बी(स्वतंत्र प्रयाग )पिछले दिनों अयोध्या के राम मंदिर मैं जमीन खरीद में हुए विवाद से अब जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है कि उनके दान दिए गए पैसे से भगवान के लिए घर के स्थान पर उससे घूसखोरों का घर भरने का काम किया जा रहा है। प्रदेश की जनता इस समय मामले में उच्च स्तरीय जांच चाहती है जिससे पूरे मामले में सच बाहर आ सके। उक्त बातें कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा पप्पू ने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए कही।



 उन्होंने मांग उठाते हुए कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है। देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की इससे आस्था जुड़ी हुई है। इसीलिए राममंदिर निर्माण के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपये ट्रस्ट को चंदे में दिए। अब उसी ट्रस्ट में उनके चंदे की धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।



इस मौके पर बोलते हुए पार्टी नेता वेद प्रकाश पांडे सत्यार्थी ने बताया कि अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244, 246 की जमीन जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्सी लाख रुपये है, उसको दो करोड़ रुपये में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने खरीदा। इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र और दूसरे रिषिकेश उपाध्याय जो अयोध्या के मेयर हैं। पांच मिनट बाद ये जमीन रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े अट्ठारह करोड़ में खरीद ली। 17 करोड़ रुपये आरटीजीएस कर दिया गया। लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम बढ़ गया। प्रभु श्रीराम के नाम पर जिस तेजी से जमीन की कीमत बढ़ी वह अपने आप में रिकार्ड है। जो अनिल मिश्र और रिषिकेश तिवारी सुल्तान और रवि मोहन तिवारी की खरीद में गवाह थे, वही ट्रस्ट के बैनामे में भी गवाह बन गए। मैं समझता हूं आज उन करोड़ों भक्तों को ठेंस लगी होगी, जिन लोगों ने भगवान राम के मंदिर के निर्माण पर चंदा दिया। मंदिर निर्माण के नाम पर ट्रस्ट के पदाधिकारी करोड़ों का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। यह मनी लांड्रिंग का मामला है। जो जमीन मंदिर ट्रस्ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए स्टांप पांच बजकर ग्यारह मिनट पर खरीदा गया और रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी पांच बजकर बाइस मिनट पर खरीदा। आखिर ट्रस्ट ने स्टांप पहले ही कैसे खरीद लिया। किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीद के लिए बोर्ड की मीटिंग करके प्रस्ताव पास किया जाता है। ऐसे में सवाल है कि मात्र पांच मिनट में कैसे ट्रस्ट ने प्रस्ताव पास करके जमीन खरीद ली। जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से मनी लांड्रिंग और धोखाधड़ी का मामला बनता है। जहां महज कुछ मिनटों में ही ट्रस्ट के जिम्मेदारों ने आम जनता के चंदे से आए हुए पैसे को गमन करने के नियत से दो करोड़ रुपए में खरीदी हुई जमीन को 18 करोड़ रुपए दिखाने का काम किया है। यह पूरे पूरा मामला अब संदेह के घेरे में है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह तत्काल इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करें यही नहीं धन शोधन मामले को देखते हुए इस मामले की एड़ी से भी जांच कराई जानी आवश्यक है। इस मौके पर प्रमुख रूप से बरसाती लाल पंडा, वेद प्रकाश पाण्डेय, इजहार अब्बास भारत गौतम मोहम्मद गुलाम विनय कुमार नसरुल हसन, आसिफ रिज़वी, कमलाकांत, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अंकुर शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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