सवाल तो करेंगे ?


1 कब रुकेगा अवैध खनन

2 अवैध खनन करने वालो पर प्रशासन को चलाना होगा कानून का डंडा 

प्रयागराज (स्वतंत्र प्रयाग)प्रशासनिक अधिकारी हो या परिवहन विभाग या खनन विभाग सब को पता है कि पहाड़ से गिट्टी पत्थर तथा यमुना नदी से बालू का अवैध कारोबार हो रहा है । राजनेताओं को भी इस बात की जानकारी है कि अवैध रूप से चलने बाले खनन में करोड़ो रूपये का नुकसान सरकार को हो रहा है फिर ऐसा क्या है कि इस कारोबार को जो अवैध रूप से संचालित हो रहा है क्यों इसे नियम कानून के दायरे में नही लाया जा रहा है इसमें कौन सी मजबूरी है। इन दिनों बारा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत हो रहे गिट्टी पत्थर के खनन में जिस तरह से खनन नियमावली तथा एन जी टी की गाइड लाइन का खुलेआम उलंघन हो रहा है उससे यह क्षेत्र काफी चर्चा में है। सूत्रों की माने तो बारा तहसील क्षेत्र के प्रतापपुर , छीडी , छताहरा, में गिट्टी पत्थर का खननं का काम संचालित हो रहा है इन खदानों में हो रहे खनन को देख कर बहुत ही आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियम कानून खननं माफियाओं के आगे बौने ही है ऐसा लगता है कि खननं विभाग पूरी तरह से खननं माफियाओं के आगे घुटने टेक चुका है । छीडी में तो मात्र एक गिट्टी पत्थर की सीताराम अग्रवाल की लीज खननं पट्टा स्वीकृत है जिसके नाम पर चार क्रेसर प्लांट संचालित हो रहे है जिनके पास किसी भी प्रकार की यन ओ सी अनापत्ति प्रमाण पत्र किसी भी विभाग से नही ली गयी है पर्यावरण विभाग जल सर्वेक्षण विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित किसी विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र यन ओ सी न होने के बावजूद भी ये क्रेसर प्लांट पुलिसिया तथा स्थानीय प्रशासन के सह पर धड़ल्ले से चल रहे है यही नही की खननं लीज से होता है खुलेआम अवैध खनन किया जाता है इसकी शिकायत भी कई बार मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर की गई किन्तु कार्रवाई कुछ भी नही हो सकी जबकि शिकायत में कहा जाता है कि सीताराम अग्रवाल की जो लीज बनी है उसकी नाप हो जाय तो अधिकारी और खननं विभाग नाप नही करता है खुलेआम अवैध खनन किया जा रहा है यही नही खुलेआम ओवरलोडिंग करके ट्रके खुलेआम निकलती भी है करोड़ो रूपये राजस्व का प्रति माह नुकसान भी हो रहा है फिर भी अधिकारी सब जानते हुए इस पर रोक नही लगते है तो महज इससे अंदाजा ही लगाया जा सकता है कि जब करोड़ो रूपये राजस्व की महीने में चोरी की जा रही है तो खुद ब खुद समझ हो जानी चाहिए कि क्यों खुलेआम अवैध खनन नियमो को ताक पर रखकर किया जा रहा है खुलेआम खननं माफिया इस अवैध खनन और ओवर लोड को अंजाम दे रहे है तो इसे हम एक् तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी कहे तो गलत नही होगा।

पहाड़ो से हो रहे अवैध खनन में खननं माफिया ही अकेले नही है बल्कि इस काम मे खननं विभाग से लेकर तहसील प्रशासन भी अपना साथ देने में पीछे नही है तभी तो दिन रात अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है अवैध खनन तथा ओवरलोड वाहन तहसील के नाक के नीचे से हो कर गुजरते है ऐसे खनिज लदे ओरलोड वाहन न केवल खननं नियमो की चुनौती दे रहे है बल्कि तहसील प्रशासन को भी चिढ़ा रहे है अब ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि नीचे से ऊपर तक कुछ न कुछ तो गड़बड़ है।

चित्रकूट तथा मऊ क्षेत्र से यमुना बालू घाट से अवैध खनन ओवर लोड भी इन दिनों काफी चर्चा में है यहां से तो ओवरलोड ट्रके खुलेआम बालू लोड करके फर्राटा मारती रहती है इस पर कभी कभी जब बड़े अधिकारी कड़ा रुख अपनाते है तो थोड़ी बहुत कार्रवाई कर दी जाती है चार छह दस ट्रक को पकड़ कर के बन्द कर दिया जाता है फिर कार्रवाई के बाद खननं माफिया अवैध खनन में लग जाते है उनको भी पता है कि यह बस एक दिन की कार्रवाई है फिर तो अपनी ही चलेगी। जबकि अवैध खनन के लिए खननं सचिव निदेशक ने तरह तरह के हथकंडे अपना कर अवैध खनन रोकने के सख्त आदेश पारित कर चुकी है कि किसी भी तरह अवैध खनन नही किया जाएगा न तो ओवरलोड वाहन चलेंगे सख्त पाबन्दी है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अवैध खनन पर सख्त है फिर भी अधिकारी क्यों नही रोकते है।

सवाल तो जिलाप्रशासन से लेकर खननं विभाग और इलाकाई पुलिस से अवैध खनन तथा ओवरलोड को लेकर बराबर पूंछे जा रहे है किंतु खननं माफियाओं पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्या हुई या की गई यह सवाल तो मुँहबाये सुरसा की तरह खड़ा है।

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