तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिला ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत

 


कर्नलगंज/गोण्डा (स्वतंत्र प्रयाग) देश में तीन तलाक बिल को दोनों सदनों से मंजूरी भी मिल गई लेकिन मुस्लिम महिलाओं का शोषण बन्द नही हुआ। जिससे मनमानी तरीके से तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर कानून को खुली चुनौती दी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित महिला को न्याय के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम बरबटपुर में तीन दिन पूर्व महिला को दिया गया तलाक का मामला है। यहां की निवासिनी सईदुन उर्फ सुरैया ने पुलिस अधीक्षक को आन-लाइन प्रार्थना पत्र दिया है। पीड़िता ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व गांव के ही इकबाल नाम के युवक के साथ उसका निकाह हुआ था। उसके माता पिता ने अपने हैसियत के मुताबिक दान दहेज भी दिया। वह विदा होकर अपने ससुराल गई और पत्नी धर्म का पालन करने लगी। करीब एक वर्ष तक सब कुछ सही था। इसी बीच वह एक बच्चे की मां बन गई। उसके बाद पति सहित ससुराल वाले दहेज कम मिलने की बात कहते हुये मायके से दो लाख रुपये बतौर दहेज लाने का दबाव बनाये,मना करने पर उसे मार पीटकर प्रताड़ित करने लगे। तब से वह ससुराल वालों की प्रताड़ना सहती आ रही थी। पति ने उससे बोलना भी छोड़ दिया। आरोप है कि इसी का फायदा उठाकर उसका ससुर उससे नाजायज सम्बन्ध बनाने का प्रयास करने लगा। मगर उसके विरोध की वजह से वह सफल नही हो सका। बीते शुक्रवार को उसके पति इकबाल अहमद ने तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कहकर उसे हमेशा के लिये अपने से अलग करके घर से भगा दिया। वह अपने पांच वर्षीय पुत्र अल्तमश को साथ लेकर अपने मायके पहुंची और सारा हाल बताया। महिला का आरोप है कि उसने कोतवाली में तहरीर दिया मगर कोई कार्रवाई नही हुई। तब से वह कोतवाली के साथ अधिकारियों का चक्कर लगा रही है। कोतवाल संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। पूर्व में महिला की तरफ से धारा 498 का मुकदमा लिखा जा चुका है। जिससे दूसरा मुकदमा नही बनता है।

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