समतल जमीन पर राखड़ गिराने से परेशानी, बीमारी फैलने की आशंका

 


जमुनापार/प्रयागराज(स्वतंत्र प्रयाग) एक तरफ जहां पूरा देश कोविड जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है वही दूसरी तरफ NTPC के अधिकारी राखड़ को गांव में फेंक रहे है जिससे बीमारी फैलने का भय उत्पन्न हो गया है ।   

  प्रयागराज पावर जनरेसन कारपोरेशन लिमिटेड ( पी पी जी सी यल ) यन टी पी सी बारा में एकत्र राखड़ को हटाने का टेंडर टी, आर ,यस ,यम कंपनी को दिया गया है।

 जिसमे कंपनी ने कल्याणपुर के दिवाकर सिंह के खदान को दिखाकर  टेंडर लिया है किंतु खदान में राखड़ को न गिराकर खदान के बाहर समतल जमीन में जबरन गिरवा दे रहे है।

जिससे ग्रामीणों के घरों में तूफान चलने पर राखड़ फैल कर आ रहा है जिससे लोगो के जीवन को अस्त ब्यस्त कर दिया है।

बताते चले कि पी पी जी सी यल बारा लोहगरा (NTPC) में बिजली का उत्पादन किया जाता है उसमें जो कोयला की खपत होती है उससे राखड़ जो निकलता है उसको बाहर निकालने  के लिए बकायदे कंपनी टेंडर देती है यह टेंडर अधिकारियो की मिलीभगत से एक बाहर की कंपनी टी,आर,यस, यम, को दिया गया है।

 राखड़ को ले जाकर किसी खदान में गिराया जाता है उसी के तहत कंपनी ने कल्याणपुर के दिवाकर सिंह पुत्र राजबहादुर सिंह तथा पत्नी पुष्पा सिंह जिनकी पूर्व में आराजी नंबर 288 में गिट्टी पत्थर का पट्टा था अब समाप्त हो चुका है उसी खदान में राखड़ को गिराने का कंपनी ने सहमति लेकर शुरू किया है ।

भारतीय किसान यूनियन भानू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी ने बताया कि इस राखड़ को खदान में एक लेयर गिराकर उसके ऊपर एक लेयर मिट्टी डालनी चाहिए किन्तु यहां पर मिट्टी डालने की बात तो दूर खदान के अलावा समतल जमीन पर लगभग 8 फुट खुले में गिराया जा रहा है जिससे कुछ ही दूरी पर आदिवासियो की बस्ती है पूरे बस्ती के लोग परेशान है श्री त्रिपाठी ने बताया कि जब तूफान आता है तो यह राखड़ उड़ कर सीधे लोगो के मुंह मे आता है यह बहुत ही खतरनाक है आने वाले दिनों में जब वारिश होगी तो यह उपजाऊ जमीन पर बहकर आएगा पूरी जमीन बर्वाद हो जायेगी।

 जिससे लोगो की उपजाऊ जमीन बर्बाद तो होगी साथ ही लोगो के समक्ष भुखमरी आ जायेगी। श्री त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में उपजिलाधिकारी बारा सहित तमाम अधिकारियो से राखड़ को रुकवाने की पूरे बस्ती के लोगो ने लिखित रूप से शिकायत भी किया किन्तु अधिकारी रुकवाने की बात तो दूर देखने तक नही गए अधिकारियो को गरीब जनता से क्या लेना देना की कौन मरेगा कौन जिंदा रहेगा। 

सबसे अहम भूमिका तो यन टी पी सी के अधिकारियो की है जो ठेकेदारों को काम देते है यह काम करोड़ो में होता है फिर भी क्यों ।मानक के अनुरूप काम नही कराया जा रहा है आदिवासी बस्ती के लोगो ने उपजिलाधिकारी बारा को लिखित शिकायत भी दिए है किंतु कोई कार्रवाई नही हो पाई है। 

इस संबंध में आर ओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से बात की गई तो उनका कहना था कि मेरे यहाँ कोई स्टॉप नही है मैं इसको दिखवाता हूँ  जिनके ऊपर जिम्मेदारी प्रदूषण रोकने की है उनका जवाब इस तरह मिलता है कि हमारे यहां स्टॉप नही है हालांकि कहा गया कि यन जी टी के नियमो को ताक पर रखकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है तो उन्होंने कहा दिखवाते है एक तरफ जनता परेशान है जिम्मेदारों की ये स्थिति है लोग कहाँ जाय किससे शिकायत करे। उपजिलाधिकारी बारा श्री सुभाष चंद्र यादव से इस संबंध में जानकारी करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल स्विचऑफ बता रहा था।इसके संबंध में पी पी जी सी यल के एक अधिकारी विजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा दिखवाते है तथा इसके संबंध में पी पी जी सी यल के अधिकारी जिसके ऊपर इस काम की पूरी जिम्मेदारी है पूरा दारोमदार है पंकज कुमार है उनसे बात की गई तो उनका सीधा जवाब था कि इसकी जिम्मेदारी टी आर एस एम की है वही बता सकते है हम इसके विषय मे कुछ नही जानते अब सवाल ये  खड़ा होता है की किसकी जवाबदेही है कौन इसका जिम्मेदार है कोई कुछ बोलने को तैयार ही नही है जब इसके जिम्मेदार सब मिले हुए है किसी की कोई जिम्मेदारी नही है तो भगवान ही मालिक है। अब बात जो भी हो यह तो अधिकारी ही जाने किन्तु देश की अग्रणी कंपनी टाटा जिसका पूरे विश्व मे नाम है इन जिम्मेदार अधिकारियो के लचर रवैया से बदनाम हो रही है क्योंकि कंपनी कभी जनता का अहित नही करेगी। भारतीय किसान यूनियन भानु के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश त्रिपाठी सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने समस्या से निदान दिलाने की जोरदार मांग किया है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुरा छात्र एवं विंध्य गौरव ख्याति समारोह बड़े शानोशौकत से हुआ सम्पन्न

प्रयागराज में युवक की जघन्य हत्या कर शव को शिव मंदिर के समीप फेंका , पुलिस ने शव को लिया अपने कब्जे में