बारा क्षेत्र की पहाड़ियों में हो रहा है धड़ल्ले से अवैध खनन सरकार को प्रतिदिन लग रहा लाखों का चूना
बारा/प्रयागराज, (स्वतंत्र प्रयाग), बारा क्षेत्र का अधिकांश भू भाग पठारी है जहां पर खनिज की अपार संपदा है जिसमे खनन माफिया इस सफेद सोने का अवैध खनन कर काफी मालामाल हो रहे है इस काले कारोबार में स्थानीय पुलिस की अहम भूमिका है।
जिससे सरकार को प्रतिदिन के लाख का चूना लग रहा है । बताते चले कि बारा क्षेत्र की प्रमुख पहाड़ियों में प्रतापपुर , परवेजाबाद , छीडी , छतहरा , आदि पहाडियो पर अवैध रूप से दर्जनों क्रेसर प्लांट संचालित हो रहे है।
जहाँ पर खनन माफिया खनिज विभाग के अधिकारियों से सांठ गांठ करके भारी पैमाने पर अवैध खनन करते है, इन पहाडियो पर क्रेसर प्लांट जो चल रहे है उनके पास न तो वायु प्रदूषण है न तो जल प्रदूषण न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही है फिर भी ये क्रेसर प्लांट खूब धड़ल्ले से रातो दिन चल रहे है।
कोई भी प्रदूषणयन्त्रं बोर्ड का अधिकारी कार्रवाई की बात तो दूर देखने की भी हिमाकत नही किया । अनापत्ति प्रमाण पत्र तो नही कोई भी इन क्रेसर प्लांट संचालकों के पास सरकार द्वारा जारी होने वाली एनओ सी अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी नही किया गया है।
किंतु खनन विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए अनजान बने हुए हैं यही नही इन पहाडियो पर पट्टेधारकों का पट्टा खनन के लिए किसी का पांच एकड़ तो किसी का तीन एकड़ का स्वीकृत किया गया है।
खनन पट्टाधारकों के खनन क्षेत्र में खनन कार्य कही कही तो हुआ ही नही पट्टा कहि का है खनन कहि किया जा रहा है यही नही सबसे गौर करने वाली बात तो ये है, कि पांच एकड़ या तीन एकड़ की लीज में कई करोड़ ट्रक का रवन्ना प्रपत्र यम यम 11 सरकार द्वारा खनन अधिकारियों द्वारा दिया गया है।
कहने का मतलब खनन विभाग के अधिकारियों की जानकारी में कई अरब के अवैध खनन करवा दिया गया जो कि खुद अपने आप मे मिसाल है ।
यही नही ये पट्टेधारक क्रेसर प्लांट गिट्टी पत्थर का लगाए हुए है गिट्टी के रवन्ना पर सिलिका सैंड सिलिका सैंड परिवहन करते है सिलिका सैंड की रॉयल्टी सरकार को ज्यादा मिलती कहने का तात्पर्य ये है कि गिट्टी की रॉयल्टी से सिलिका सैंड की रॉयल्टी लगभग दो गुनी है क्रेसर प्लांट संचालक गिट्टी को तोड़ते है उसमें जो डस्ट निकलता है उसके नाम पर सिलिका सैंड की गाड़ी परिवहन कराते है यही नही यह ऑन रिकार्ड रवन्ना निर्गत किया जाता है।
जिसे विभाग जानता भी है किंतु इस खनन के कार्य मे खनन अधिकारियों के मुंह मे इतना पैसा लग गया है कि सरकार के खाते में कम इनकी तिजोरी में ज्यादा पैसा जाता है।
खनन अधिकारी सब कुछ जानते हुए जनपद कार्यालय में बैठे रहते है और पहाडियो पर ये कला धंधा काफी जोरो पर चल रहा है ।सरकार ने अवैध खनन को रोकने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है बालू मोरम में घाटों पर अवैध खनन रोकने के लिए कांटा लगवा दिया कुछ हद तक बालू मोरम में अवैध खनन पर रोक भी लग गई।
किन्तु गिट्टी तथा सिलिका सैंड में खनन माफिया खनन विभाग की मिली भगत से सरकार को करोड़ो का चूना लगा रहे है जो आज कोई नही बात नही है काफी अर्शे से व खूबी चल रहा है ।
पूर्व सरकार में अवैध खनन को देखते हुए राज्यसरकार तथा माननीय न्ययालय ने हस्तक्षेप कर अवैध खनन रोकने की कार्रवाई भी किया जिसमें कई खनन अधिकारी और कई प्रशासनिक अधिकारियों की जांच भी चल रही है किंतु इतना सब कुछ होते हुए भी प्रयागराज के खनन अधिकारी तथा खनन माफिया की मिलीभगत से भारी पैमाने पर अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है।
जिसमे सरकार को प्रति माह कई करोड़ का चूना लग रहा है जो राजस्व के रूप में रॉयल्टी प्रति वर्ष कई अरब रुपये सरकार के खाते में जाती वह इन खनन माफियाओ की तिजोरी में जा रही है ।
खनन विभाग की निदेशक डॉ रोशन जैकब ने काफी हद तक बाँदा आदि जगहों पर खुद छापा मारकर कुछ हद तक अवैध खनन रोकने में कामयाब भी रही है जब से आई है सरकार को काफी फायदा भी हुआ है।
किंतु उनके संज्ञान में अवैध खनन की जानकारी ही नही हो पाती है सब नीचे के अधिकारियो की मनमानी तथा लचर ब्यवस्था के चलते अवैध खनन भारी पैमाने पर हो रहा है ।
अगर खनन निदेशक अकेले प्रयागराज जनपद के बारा तहसील के खनन पट्टा क्षेत्रो की जांच कर ले या गंभीरता से किसी अधिकारी से जांच कर ले तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाय ।
खनन माफियाओं को अगर कोई अधिकारी जांच भी करना चाहे तो पहले ही जानकारी हो जाती है अब बात जो भी हो यह अधिकारी ही जाने किन्तु बारा क्षेत्र में भारी पैमाने पर अवैध खनन तथा परिवहन हो रहा जिससे सरकार का प्रतिदिन लाखो रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।
यही नही कई बार अवैध खनन तथा ओवरलोडिंग की शिकायत मुख्यमंत्री के हेल्फलाइन नंबर पर दी गई किन्तु उस पर कार्रवाई नही की गई लोगो का विश्वास मुख्यमंत्री के हेल्फ़ लाइन नंबर से भी उठ गया शिकायत करता के संबंध में विभाग के कर्मचारियो ने दे दिया।
उसको अलग से परेशानी झेलनी पड़ती है। एक समाजसेवी ने बताया कि यहाँ के अवैध खनन तथा ओवरलोडिंग के संबंध में मुख्यमंत्री के हेल्फ़ लाइन नंबर पर एक नही कम से कम छह बार शिकायत किया किन्तु कोई भी कार्रवाई नही हुई उल्टे खनन माफियाओं को इसकी जानकारी अलग से दे दी गई जिससे क्षेत्र में बैमनस्य अलग हो गया अब सवाल उठता है कि जब खनन विभाग ही अवैध खनन करवा रहा है तो कार्यवाही कौन करेगा । अब बात जो भी हो यह तो विभाग ही जाने किन्तु बारा क्षेत्र में अवैध खनन भारी पैमाने पर किया जा रहा है जिससे सरकार का जहां राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है वही दूसरी तरफ माननीय न्यायायलय तथा सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है ।
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