श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वालों से किराया वसूलने को कहा भारतीय रेलवे


 


नई दिल्ली(स्वतंत्र प्रयाग न्यूज): गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को विशेष ट्रेनों से यात्रा करने की इजाजत देने के बाद रेल मंत्रालय ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है इसके मुताबिक ‘श्रमिक ट्रेनों’ से यात्रा करने वाले लोगों द्वारा किराया वसूला जाएगा।


रेलवे ने कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन में फंसे लोगों की यात्रा को लेकर बीते शनिवार को कुल 19 तरह के दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें राज्य सरकारों द्वारा मजदूरों, छात्रों इत्यादि से ट्रेन का किराया वसूलने की भी बात शामिल है विभाग ने कहा, ‘जहां से ट्रेन शुरू होगी, उस राज्य को ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या रेलवे को बतानी होगी।


जो कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन की क्षमता को देखते हुए लगभग 1200 कम से कम 90 फीसदी होनी चाहिए  इसके बाद रेलवे गंतव्य स्थान के लिए सभी यात्रियों का टिकट काटकर स्थानीय राज्य सरकार प्रशासन को दे देगा ’इसमें आगे कहा गया।


‘स्थानीय राज्य सरकार प्रशासन ये टिकट यात्रियों को दे देंगे और उनसे इसका कराया वसूल कर पूरी राशि वापस रेलवे में जमा करा देंगे ’ इसके अलावा जहां से गाड़ी शुरू होगी वहां पर राज्य सरकार लोगों को फूड पैकेट्स और पानी मुहैया कराएगी  12 घंटे से अधिक की यात्रा के लिए रेलवे ट्रेन में एक टाइम का भोजन प्रदान करेगा।


सरकार की घोषणा के बाद बीते शुक्रवार को पांच और शनिवार को 10 श्रमिक ट्रेन चलाए गए  हालांकि इसे लेकर उस समय विवाद खड़ा हो गए जब यात्रियों ने कहा कि इस महामारी के समय में भी उनसे किराया वसूला जा रहा है, जबकि लॉकडाउन में फंसे रहने के कारण उनमें इस राशि का भुगतान करने की क्षमता नहीं है।


इस तरह के ज्यादातर मामले बिहार से आए, जिसे लेकर बाद में राज्य सरकार ने सफाई दी कि चूंकि केंद्र की गाइडलाइन में ही किराया वसूलने की बात की गई है इसलिए उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक श्रमिक ट्रेन चलाने की इजाजत देने के बाद रेलने ने बीते शुक्रवार को कहा था।


कि वे यात्रियों से स्लीपर क्लास का किराया और अतिरिक्त 50 रुपये लेंगे हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि राज्य अगर चाहें तो वे कोऑर्डिनेट करके यात्रियों की जगह पर खुद भुगतान कर सकते हैं रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों से सिर्फ वे लोग ही यात्रा कर सकते हैं जिन्हें भेजने और आगमन वाले राज्यों से इजाजत मिली हुई है।


  ये ट्रेन आम यात्रियों के लिए नहीं है  मंत्रालय ने कहा कि यदि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो रेलवे के पास अधिकार है कि वे इन ट्रेनों की आवाजाही रोक दें दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘जहां से ट्रेन शुरू होगी, वो राज्य ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की सही संख्या की सूचना देगा।


जो कि कम से कम 90% होनी चाहिए ’ श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नॉन-स्टॉप सिर्फ एक गंतव्य स्टेशन के लिए चलेंगी इन ट्रेनों को 500 किमी से अधिक की दूरी के लिए चलाया जाएगा रेल मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे यात्रियों को स्वास्थ्य स्थिति की जांच के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करे।


गाइडलाइन के मुताबिक सामजिक दूरी के मानदंड का पालन करते हुए ऐसे व्यक्तियों को सैनिटाइज्ड बसों के जरिये नामित स्टेशनों पर लाने और ले जाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी  सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा  भेजने वाले राज्यों द्वारा यात्रियों की जांच की जाएगी और केवल कोरोनो वायरस (कोविड-19) के लक्षणों के बिना पाए जाने वालों को यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।


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