1986 में लालापुर तरहर बेल्ट में विधुतीकरण के ग्याहर के तार अभी तक नही बदले गए, तत्कालीन सांसद अमिताभ बच्चन थे।


लालापुर/प्रयागराज,( स्वतंत्र प्रयाग) लालापुर क्षेत्र में अभी भी ऐसे गाँव है जहाँ पर विजली के खम्भे की जगह आज भी लकड़ी की बल्ली पर विजली के नंगे तार दौड़ रहे है और ग्यारह हजार तार में ईंट लटका के काम किया जा रहा हैऔर लालापुर से अमिलिया में कुछ महीने पहले एक व्यक्ति की ग्याहर हजार से मौत भी हो गई थी लेकिन अभी तक तक नहीं बदला गया कही न कही विभाग की लापरवाही नजर आ रही है।


दूसरी ओर लालापुर क्षेत्र के मानपुर गाँव जो सबसे घनी जनसंख्या वाला राजपूतों गाँव है।जहां सचिवालय से लेकर सेना अर्धसैनिक बल में सबसे ज्यादा लोग कार्यरत है,इसी गाँव से अंग्रेज साशन काल में लाट हुआ करते थे,एक समय था जब सड़क पर बस निकलती थी उस समय लोग देखने के लिये अपने घर से झांका करते थे।


1975 में लखनऊ से मानपुर बस सरकार द्वारा चलाई जा रही थी,वो जमाना था। क्षेत्र में कोई भी सरकारी विद्यालय नही था,तबसे इस गाँव में विद्यालय है।दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि बैंक वोट के चक्कर में आज तक इस गाँव का विकास नही हुआ,आखिर क्यों हर जगह गाँव गाँव  विद्युतीकरण करण हुआ लेकिन इस गांव को अछूता रखा।खैर वजह जो भी हो सरकार के अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि भी इस गाँव के विकास की तरफ ध्यान नही दिया।अगर तनिक भी ध्यान दिया होता तो आज गाँव के अंदर लकड़ी के खम्भे पर बिजली के नंगे तार न दौड़ते, जो हादसे को दावत देते दिखाई पड़ रहे है। बिद्युत बिभाग के अधिकारी खुम्भ करन की तरह सो रहे हैं।


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