वरिष्ठ पत्रकार तथा समाजसेवी नफीस अहमद ने गरीबो असहायों को बंटवाया खाद्यान्न, पत्रकारों की किया आर्थिक मदद, लॉकडाउन का पालन करने के लिए किया जागरूक

 



प्रयागराज,(स्वतंत्र प्रयाग),  एक तरफ जहां पूरा देश कोविड 19 जैसे वायरस से संक्रमित चल रहा है वही दूसरी तरफ सभी सामाजिक संगठन प्रशासनिक अमले और राजनैतिक दलों द्वारा गरीबो असहायों को खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है।


उसी क्रम में समाजसेवी वरिष्ठ पत्रकार स्वतंत्र प्रयाग हिंदी दैनिक तथा यस पी यन न्यूज़ चैनल के उप संपादक नफीस अहमद ने गरीबो मजदूरों असहायों को निरंतर जब से लॉकडाउन लागू किया गया है।
 


सभी को खाद्य सामग्री वितरित करवा रहे है यही नही मजदूरों गरीबो को खाद्यान्न वितरित करवा रहे है साथ ही  ये सभी को  शोसल डिस्टेंसिंग तथा लॉकडाउन का पालन करने के लिए अपने लोगो के द्वारा जागरूक भी करवा रहे है। 
 सबसे सराहनीय कार्य नफीस अहमद का ये है।


जो पत्रकार भाइयो को फोन कर उनसे उनके हालचाल  भी ले रहे है सब लोगो को इस संकट की घड़ी में लॉकडाउन का पालन करने के लिए जागरूक करने को कहते भी है तथा पत्रकारों को इस परेशानी पैसा भी दे रहे है कहते भी है कि इस समय पत्रकारों को कोई भी लॉकडाउन में मदद अभी तक नही किया है।


पत्रकार होने के नाते पत्रकारों का दर्द समझता हू उन्होंने पत्रकारों की सहायता के लिए सांसद रविकिशन की सराहना भी किया है  औऱ कहा कि किसी ने भी पत्रकारों के लिए नही सोचा रविकिशन जी ने छोटी सी ही धनराशि सही कम से कम मदद तो किया ये भी कहा कि पत्रकार बहुतायत संख्या में है इस लिए दो लाख सभी को न काफी है।
 किंतु उन्होंने पत्रकारों के लिए विचार किया मदद के लिए वो धन्यवाद के तथा बधाई के पात्र है। 
     


 श्री अहमद की सबसे बड़ी बात ये है कि पत्रकार साथियो की मदद हो या गरीबो असहायों को खाद्य सामग्री वितरित करने की बात हो इन सब के लिए न तो उन्होंने सैकड़ो गरीबो को नगद राशि तथा भोजन आदि बंटवाया किन्तु किसी की फोटो आदि खींचने तथा इस मदद की सामाजिक करने से मना भी किया।
 


कई पत्रकारों को उनसे पूछकर मदद किया एक वरिष्ठ पत्रकार ने उनसे पूंछ लिया कि सर आप गरीबो असहायों तथा पत्रकारों की मदद कर रहे है आपको इसे सामाजिक करना चाहिए।


इस पर उन्होंने कहा कि देश इस समय कोविड 19 जैसी बीमारी के संकट से जूझ रहा है किसी जरूरत मंद गरीब असहाय की मदद करके फोटो खींच कर प्रदर्शित करना ठीक नही होगा, चंद मदद करने से किसी की फोटो खींच कर मजाक उड़ाना होगा। 


उन्होंने ये  भी कहा कि इस बात से और लोग भले ही न सहमत हो किन्तु ये मेरी व्यक्तिगत  सोच है इस पर मुझे ज्यादा कुछ नही कहना है। 


इस सोच पर एक पत्रकार की कलम नही रुक सकी और उन्होंने उनके इस नेक काम के लिए लिखा आज श्री अहमद की इसकी चारो तरफ प्रशंसा हो रही है।


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