उत्तर प्रदेश में परंपरागत कांग्रेसियो तथा पदाधिकारियो को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है अपमानित, कार्यकर्ताओ ने धरना प्रदर्शन करने का किया ऐलान


 


लखनऊ,(स्वतंत्र प्रयाग), विगत कई दिनों से परंपरागत कांग्रेसी एवं सवर्ण कार्यकर्ताओ पदाधिकारियो को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है अपमानित कई परंपरागत कांग्रेसियो ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से विरोध किया है।                                     


बता दे कि कॉग्रेस के पूर्व राज्य कोऑर्डिनेटर व उत्तर प्रदेश रिसर्च के डी दीक्षित एवं गौरव कुमार दीक्षित राज्य कोऑर्डिनेटर ए आई सीसी रिसर्च विभाग दोनो ने  ने एक लिखित बयान दे कर कहा है।
 


कि हम परंपरागत कांग्रेसी एवं सवर्ण कार्यकर्ताओ एवं पदाधिकारियो को उत्तरप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजयकुमार लल्लू ने अपमानित करते हुए एक झूठ आरोप लगाते हुए एक नोटिस भेजा जिसमे ब्यक्तिगत हमारे ऊपर नेतृत्व के विरोध में टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
 जबकि के डी दीक्षित  ने बताया कि हमारे द्वारा कभी कोई भी गलत टिप्पणी शीर्ष  नेतृत्व के लिए नही की गई न तो सपने में भी ऐसा सोच भी सकता हूँ। 


जो नोटिस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा मुझे दी गई है उसमें मात्र मुझे जबाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है जबकि सामान्तया किसी भी नोटिस में दूसरे पक्ष को 7 दिन का समय जबाब देने के लिए दिया जाता है।
 


इससे भी साफ अध्यक्ष जी की मंशा पर सवाल उठाते है कि नोटिस तो एक बहाना मात्र है इससे सवर्ण विरोधी मानसिकता को जाहिर करता है उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नोटिस के पहले भी और बाद में भी अध्यक्ष जी की तरफ के लोगो के फोन आये।
 


जिसमे स्पष्ट रूप से कहा गया कि अब राहुल गांधी अध्यक्ष नही है प्रियंका गांधी से बिना हमारी इक्षा के नही मिल पाओगे लिहाजा  अध्यक्ष जी के पक्ष में लिखो और माफी मांग लो पार्टी में पद भी मिल जाएगा और वेतन भी मिलेगी।
 जैसे अभी तक अन्य विभागों में नियुक्तियां की गई है श्री दीक्षित ने कहा कि हम कांग्रेस के सच्चे कार्यकर्ता है तय कर लिया हूँ कि शोषित कार्यकर्ताओ एवं सवर्ण समाज के सम्मान की लड़ाई है जिसे मैं जारी रखूंगा।                                  


उन्होंने आगे कहा कि हम पिछले 17 सालों से पार्टी के अलग अलग पदों पर रह कर अलग अलग संगठनों में सेवा कर रहे है उन्होंने यह भी कहा कि मेरे दादाजी 28 वर्षो तक लगातार निर्विरोध अध्यक्ष रहे दो बार कांग्रेस पार्टी के लिए जेल गए 1 मई 1978 को स्वयं स्वर्गीय इंदिरा गांधी मेरे घर आई थी मेरा पूरा परिवार कांग्रेस के लिए जान तक देने के लिए तैयार है ।
 


उन्होंने आगे कहा कि एक अकेले हम ही नही सैकड़ो हजारो की तादात में निष्ठावान कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी नेता अजय लल्लूजी के नेतृत्व में अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे है।
उन्होंने यह भी कहा कि विगत कुछ माह पहले उत्तरप्रदेश में अजय लल्लू को संगठन प्रभारी बनाया गया उसके बाद जिलेवार दौर करके स्वर्ण विरोध की हवा को जन्म दिया उसके बाद अध्यक्ष बने एक कमेटी की घोषणा हुई।
 


जिसमें सवर्णों की भागीदारी को कम किया गया कमेटी में अधिकतर सदस्य अन्य दलों से आये हुए लोगो को बनाया गया पीसीसी के विभिन्न विभागों में कोऑर्डिनेटर आदि को दरकिनार किया गया तथा वैतनिक कर्मचारियो की नियुक्ति की गई इसी प्रकार विभिन्न आयोजनों में सवर्णों को बुलाना बन्द कर दिया गया स्वर्ण पदाधिकारियो को अपमानित किया गया।
 


यहाँ तक की स्वर्ण कार्यकर्ताओ की मौत पर अध्यक्ष एवं कमेटी के लोगो ने जाना भी उचित नही समझा और विपत्ति के समय भी उनके परिवारों से दूरियां बना कर रखी गई । अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा सवर्ण एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओ को शीर्ष नेतृत्व से न मिलने देना तथा पार्टी में बढ़ती जातिवादी एवं वामपंथी विचारधारा से कार्यकर्ताओ में असंतोष है।


श्री दीक्षित ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी है जहां गांधी नेहरूविचारधार से काम  होता है वही दूसरी तरफ अध्यक्ष जी जाती और धर्म के नाम पर भेदभाव कर रहे है आज पूरे प्रदेश का स्वर्ण जो कांग्रेस में है अपने आपको अपमानित एवं ठग महसूस कर रहा है।


उन्होंने आगे कहा कि हम सभी कार्यकर्ता जन चाहते है कि अपने इस भेदभावपूर्ण ब्यौहार पर अजय कुमार लल्लू माफी मांगे एवं कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान दे भेदभाव बन्द कर दे अन्यथा कोरोना बीमारी के बाद लखनऊ पीसीसी के बाहर अजय लल्लू की स्वर्ण विरोधी मानसिकता एवं कार्य प्रणाली के विरोध में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।


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