स्वास्थ्य विभाग के बाद अब पुलिस विभाग में फैला कोरोना वायरस,सरकार ने दिए जांच के आदेश



भोपाल,(स्वतंत्र प्रयाग) राजधानी में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमण कैसे फैला, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं स्वास्थ्य विभाग के 34 कर्मचारी और 10 पुलिसकर्मी संक्रमित हैं  सतर्कता के लिहाज से कलेक्टर और डीआईजी ने भी जांच के लिए स्वाब के सैंपल दिए हैं।


हालांकि दोनों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे  इसके अलावा परिवार की सुरक्षा को देखते हुए ज्यादातर अफसरों ने घर तक छोड़ दिए हैं सभी होटल, गेस्ट हाउस, प्रशासनिक अकादमी, पुलिस मैस में रहने चले गए। स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल, हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी रहे विजय कुमार, डाॅ. वीणा सिन्हा के अलावा अधिकारी, डॉक्टर, कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं, इनकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री की जांच होगी।


दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी  स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई ने कहा है कि इसके निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं  असलियत सामने आने के बाद एक्शन लेंगे किदवई ने बताया कि संपर्क से ही कोरोना संक्रमण का विस्तार होता है  प्रभावित व्यक्ति किन लोगों से, किस क्रम में मिले और यह कहां से शुरू हुआ, इसकी ट्रेसिंग जरूरी है।


मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी सुधीर कुमार डेहरिया नेबताया की आज प्राप्त हुई रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में कोरोनासंक्रमित 8 नए मरीज मिले है भोपाल में अभी तक 92 लोगइस संक्रमण के पाए गए हैं यह तस्वीर भोपाल के व्यस्ततम इलाके भारत टॉकीज ब्रिज की है  टोटल लॉकडाउन के बाद पुराने भोपाल के हालात में कुछ सुधार हुआ है।


भोपाल, कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा घोषित कर दिया है इसके तहत अब स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं देने से कोई इन्कार नहीं कर सकेगा  अब न तो स्वास्थ्य का अमला ड्यूटी पर आने से मना कर सकता है और न दवा दुकानदार दुकान खोलने या निर्माता दवा या उपकरण बनाने से इन्कार कर सकता है।


यदि किसी ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत कार्रवाई होगी  मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुधवार को गृह विभाग ने स्वास्थ्य सेवाओं को एस्मा के दायरे में लाने के आदेश जारी किए  दरअसल, कुछ जिलों में डॉक्टरों के काम पर नहीं आने की सूचनाएं मिली थीं।


जिला प्रशासन की ओर से इन्हें निलंबित करने जैसी कार्रवाई भी की गई है वहीं, कुछ जगह कोरोना के संक्रमण को देखते हुए दवा दुकानें बंद रखे जाने की शिकायतें भी मिली थीं  वहीं, मास्क, सैनिटाइजर आदि की कीमतें भी काफी बढ़ाकर दी जा रही हैं इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा कानून के दायरे में लाने का फैसला किया है।


 बता दें की मध्य-प्रदेश में अब तक कोरोना वाइरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 347 हो गई है और 25 लोग इस बीमारी से छुटकारा पा चुके हैं तो 24 लोगों की मौत हो चुकी हैं एमपी के इंदौर में 151 और भोपाल में 85 लोग संक्रमित पाये गए हैं यह एमपी के किसी दूसरे शहर से सबसे ज्यादा केस हैं।


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