स्टॉफ  नर्स तथा सिक्योरटी गार्ड के सहारे मऊ का जिला अस्पताल, एक साल से नही नियुक्त हुए डॉक्टर

 



मऊ,(स्वतंत्र प्रयाग)उत्तर प्रदेश सरकार चाहे जितना भी सुशासन और राम राज्य लाने का वादा करे या सीएम योगी खुद काम करने के लिए दिन रात एक करते हुए आगे बढ़ें, लेकिन अधिकारियों कि लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है, ताजा मामला है मऊ जिले के महिला अस्पताल का जिसमे एक भी डॉक्टर पिछले 1साल से नहीं है  ये महिला जिला अस्पताल सिर्फ स्टाफ नर्स और निचले 3 स्टाफ के भरोसे ही चल रहा है  एक बार फिर से इसकी पोल खुल गई है, जिसके बाद खुद क्षेत्रीय विधायक ने पाहुचकर मोर्चा संभाला लेकिन उन्होने भी मात्र शासन को पत्र लिखकर ही काम चला लिया, क्यूंकी डॉक्टर की नियुक्ति उनके बस मे नहीं है।


मामला है एक प्रसव से पीड़ित महिला का जो पूरे दिन अस्पताल के बाहर दर्द से तड़प रही थी, लेकिन अस्पताल वालों ने उसे एडमिट करने से भी इंकार कर दिया  तर्क था कि डॉक्टर नहीं हैं, ऐसे मे एडमिट करने के बाद भी ओपरेट नहीं कर पाएंगे।


वहीं सीएमओ ने कोरोना का काम ज्यादा है, कहकर बात करने से इंकार कर दिया महिला जिला चिकित्सालय स्वास्थ्य सेवाओं पोल खुलनी आए दिन की बात हो गई है, जिसने एक दिन पहले ही मानवता तार-तार कर दिया  प्रसव कराने पहुंची महिला को नर्सों ने नहीं भर्ती नहीं किया।


अस्पताल के बाहर प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला तड़पती रही जमीन पर  मंगलवार की रात में भी प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को अस्पताल में नहीं किया था, तब से ही महिला दर्द से कराहती हुई वहाँ पूरी रात से दिन तक तड़पती पड़ी रही, गरीबी कि वजह से कहीं और जा पाने मे असमर्थ थी, तो कोरोना के लॉक डाउन मे और भी परेशान थी  मऊ का ये जिला महिला जिला अस्पताल नर्स और गार्ड के भरोसे चलता है।


सूचना  पर पहुंचे भाजपा के घोसी विधायक विजय राजभर ने पीड़ित महिला को जमीन पर देखकर काफी नाराजगी जताई लेकिन सीएमओ ने उनका फोन तक नहीं उठाया।


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