सूरज की किरणों से कोरोना वायरस मिनटों में मर जाता है: अमेरिकी वैज्ञानिक



वाशिंगटन,(स्वतंत्र प्रयाग) अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक अजीब सलाह दी, जिसकी बाद में काफी आलोचना भी हो रही है  हुआ यूं कि अमेरिका में डीएचएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी और कोरोना वायरस टास्क फोर्स के शोद में पाया गया है कि किसी सतह या हवा में मौजूद कोरोना वायरस सूरज की रोषनी, आर्द्रता और तापमान में मिनटों में ही मर जाता है।


कोरोना टास्क फोर्स ने अपने प्रजेंटेशन पर इस तथ्य की जानकारी दी, तो राष्ट्रपति ट्रम्प ने सुझाव दे दिया कि ऐसी ही पावरफुल लाइट को इंसानों के शरीर के अंदर पहुंचाना चाहिए  अमेरिका में होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के टेक्नोलॉजी डायरेक्टोरेट के प्रमुख बिल ब्रायन ने बताया था कि ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल वायरस को 5 मिनट में और एल्कोहल 30 सेकंड में मार देता है।


इस पर ट्रम्प ने यह तक सुझाव दे दिया कि लोगों के शरीर में आईसोप्रोपिल एल्कोहल जैसे क्लींजर के इंजेक्षन लगाना चाहिए चूंकि आइसोप्रोपिल एल्कोहल का इस्तेमाल डिटर्जेंट के साथ ही अन्य रसायन बनाने में किया जाता है, इससे मानव शरीर के लिए यह काफी दायक हो सकता है।


ऐसे में ट्रम्प के इस सुझाव की आलोचना हुई ब्रीफिंग के दौरान मीडिया से बातचीत में ट्रम्प ने कहा कि जब मैनें पहली बार सूर्य की तेज रोशनी और गर्मी में कोरोनावायरस के खत्म होने की बात कही थी तो लोगों ने नहीं माना था अब उसी बात को ब्रायन ने सबसे सामने सिद्ध करके दिखाया है।


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