रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा, हम कॉरपोरेट कंपनियो को बंद होने से बचाएंगे ,देश की अर्थव्यवस्था  को भी नही देंगे बिगड़ने



नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग)पूरे देश में इस वक्त कोरोना महामारी की वजह से लॉक डाउन किया गया है, इसकी वजह से महामारी से हमारा देश लड़ पा रहा है, मरीजों की पहचान करके उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा है वही इसका नुकसान भी अब दिखाई पड़ने लगा है।


लगातार कंपनियां अपने एंप्लाइज की सैलरी काट रही है, उन्हें नौकरी से बाहर निकाल रही हैं देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साफ कर दिया कि, हम देश की अर्थव्यवस्था को बिगड़ने नहीं देंगे, साथ ही कारपोरेट कंपनियों को भी बंद होने से रोकने की पूरी कोशिश करेंगे।


साथ ही सिड्बि, नाबार्ड, पीएसयू, जैसी बड़ी संस्थाओं को हम वित्तीय सहायता देते रहेंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि, हम पूरी तरह से बाजार पर और कंपनियों पर नजर बनाए हुए हैं किसी भी प्रकार से गिरने से रोका जाएगा।


वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और IMF के मुताबिक यह 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, देश की वित्तीय हालात पहले से बिगड़ी है  दुनिया भर के बाजार गिरे हुए हैं दुनिया में बड़ी मंदी का अनुमान  हम वित्तिय नुकसान कम करने की कोशिश में लगे हैं  वैश्विक अर्थव्यवस्था बहुत बुरे दौर में, हमें अंधेरे के वक्त उजाले की तरफ देखना है RBI और बैंक पूरी तरह काम कर रहे हैं।


जी-20 देशों में भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर है, ऐसे मे हम उनसे कहीं आगे है, इसे लगातार बनाते हुए आगे बढ्ने कि तैयारी कर रहे हैं आज मानवता अपने समय के परीक्षण का सामना कर रही है, क्योंकि  दुनिया में कोरोना की महामारी फैलते ही जा रही है, इस तरह के वातावरण में भारतीय रिजर्व बैंक बहुत सक्रिय और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है  IMD ने 2020 में अच्छे मॉनसून का अनुमान जताया।


इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।ग्रामीण अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है। RBI में मैं अपनी 150 ऑफिसर, स्टाफ की टीम की सराहना और शुक्रियादा करना चाहूंगा, जो क्वारंटाइन में अपने परिवार से दूर हैं और 24 घंटे काम पर हैं ताकि जरूरी सेवाएं चलती रहें।


मार्च में ऑटोमोबाइल प्रोडक्शन और सेल गिरी है और साथ ही बिजली की मांग में भी कमी आई है विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है, इंटरनेट बैंकिंग से अच्छा काम हो रहा है  चुनौती के बावजूद ATM का भी अच्छा संचालन हो रहा हैं।


NABARD को 25 हजार करोड़ की मदद, SIDBI को 15 हजार करोड़ की मदद, नेशनल हाउसिंग बोर्ड को 10 हजार करोड़ की मदद देंगे।


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