रेल टेल ने कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए दो करोड़



नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग) भारत में COVID 19 महामारी से लड़ने के नेक कार्य का समर्थन करने के लिए, रेलटेल ने FY19-20 के कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी फंड से प्रधान मंत्री नागरिक सहायता और राहत आपातकालीन स्थिति निधि (PM- CARES फंड) में 2 करोड़ रुपये योगदान दिया है।


इसके अलावा इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए 15.5 लाख रुपये का योगदान भी किया है , जो रेलटेल कर्मचारियों के एक दिन के वेतन का स्वैच्छिक योगदान है  रेलटेल महत्वपूर्ण संचार प्रणाली, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म के कार्यान्वयन के साथ-साथ भारतीय रेलवे के लिए महत्वपूर्ण डेटा को अपने दो डेटा केंद्रों (गुड़गांव और सिकंदराबाद) में संभालती है।


वर्तमान संकट की स्थिति में, आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और संबंधित आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, जिसके लिए रेलवे माल परिचालन को बिना किसी समस्या के संचालित किया जाना चाहिए ऐसे परिदृश्य में नेटवर्क और डेटा सेंटर के संचालन को स्थिर रखना अधिक महत्वपूर्ण है।


ताकि यह देश भर में भारतीय रेलवे के सभी कार्यालयों के बीच संचार और रेलवे माल ढुलाई में बाधा उत्पन्न न करे  बड़ी संख्या में बैंक अपनी डेटा संचार जरूरतों के लिए रेलटेल सेवाओं पर भी निर्भर हैं  आवश्यक सेवाओं के प्रबंधन के बारे में बात करते हुए पुनीत चावला, सीएमडी / रेलटेल ने कहा 


“भारत सरकार के आदेश के बाद, रेलटेल के अधिकांश कार्यबल ई-ऑफिस, ईआरपी, एचडी वीडियो कॉन्फ्रेंस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके घर से काम कर रहे हैं  हालाँकि, रेल मंत्रालय, बैंकों और अन्य ग्राहकों सहित हमारे कई ग्राहकों के लिए नेटवर्क को चालू रखने के लिए हमारी टीम के कुछ सदस्य फील्ड में भी काम कर रहे हैं।


हमारे कार्यबल की सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और हम इसके लिए हर संभव सावधानी बरत रहे हैं  टीम रेलटेल इस लड़ाई में अपने देशवासियों के साथ एकजुटता के साथ खड़ी है और COVID 19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी एहतियाती उपायों को लागू करने का प्रण लेती है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुरा छात्र एवं विंध्य गौरव ख्याति समारोह बड़े शानोशौकत से हुआ सम्पन्न

प्रयागराज में युवक की जघन्य हत्या कर शव को शिव मंदिर के समीप फेंका , पुलिस ने शव को लिया अपने कब्जे में

अंडरलोड ट्रक को सीज कर राजस्व की कर रहे है पूर्ति ओवरलोड अवैध खनन को दे रहे बढ़ावा