मुख्यमंत्री का किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत, खेत मे ही किसानों के फसल को खरीद के किया जाय उपाय
लखनऊ,(स्वतंत्र प्रयाग), कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए देश भर में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया था।
यह अवधि 14 अप्रैल को खत्म हो रही है, सूत्रों के मुताबिक इस अवधि को दो सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया जायेगा।
जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है, ऐसे में लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर किसानों और छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयास शुरू कर दिए है।
मुख्यमंत्री योगी ने सभी विभागों को आदेश दिया है कि फसलों की कटाई के लिए किसानों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए जिला प्रशासन को सभी किसानों को सुविधाएं देने का आदेश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि किसानों की फसल खरीदने के भी उपाय किए जाएं और अगर किसान की फसल खेत से ही खरीदी जा सकती है तो उसके भी रास्ते निकाले जाएं।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया है।
कि जहां तक संभव हो, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और बेसिक शिक्षा सभी मे ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय और रास्ते तलाश कर इसे शुरू किया जाएं, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि ई लर्निंग और ई टाइम टेबल बनाने के आदेश दिए गए हैं।
रबी सीजन की सबसे प्रमुख फसल गेहूं की कटाई चल रही है, मगर जोर नहीं पकड़ रही है, क्योंकि लॉकडाउन के चलते मजदूरों का अभाव होने के कारण किसानों को बड़ी समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार इन किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए कुछ कदम उठाने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन नियमों में सरलीकरण करके किसानों को सहायता उपलब्ध कराए।
उन्होंने बताया, 'मुख्यमंत्री ने आज टीम-11 की बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को हार्वेस्टिंग और आवागमन में कोई असुविधा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
अवनीश अवस्थी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यह भी निर्देश दिया है कि इसके संदर्भ में यदि कृषि और मंडी विभाग के नियमों में कोई परिवर्तन करने हैं तो कर दिए जाएं इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से यदि वैकल्पिक क्रय यानी खेतों से ही किसान की फसल की खरीद की जाती है।
तो उसे भी प्रोत्साहित किया जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा है कि फसलों के प्रोक्योरमेंट यानी फसल क्रय में मंडी की व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाए, हर हाल में किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य जरूर मिले।
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