मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदी , दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी



नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग)पूरा देश इस वक़्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस वायरस को मात देने के लिए देश में 3 मई तक के लिए लॉक डाउन है  आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार के शो ‘मन की बात’ की उन्होंने कहा कि आज पूरा देश एकसाथ चल रहा है ताली, थाली ने देश को प्रेरित किया है ऐसा लग रहा है कि महायज्ञ चल रहा है।



हमारे किसान खेत में मेहनत कर रहे हैं कि कोई भूखा नहीं रहना चाहिए कोई मास्क बना रहा है, तो कोई क्वारैंटाइन में रहते हुए स्कूल की पुताई कर रहा है कोई पेंशन माफ कर रहा है यह उमड़ता-घुमड़ता भाव ही लड़ाई को पीपल ड्रिवन बना रहा है  उन्होंने कहा, ‘बहुत ही आदर के साथ 130 देशवासियों की इस भावना को नमन करता हूं।


सरकार ने कोविडवॉरियर्स जीओवी इन प्लेटफॉर्म भी तैयार किया है  इसमें सरकार ने सभी को एक-दूसरे से जोड़ दिया है इससे सवा करोड़ लोग जुड़ चुके हैं  आशा कार्यकर्ता, नर्स सभी जुड़े हैं  ये लोग योजना बनाने में मदद भी कर रहे हैं हर लड़ाई कुछ न कुछ सिखाकर जाती है. कुछ मार्ग बनाती है, मंजिलों की दिशा भी देती है।


भारत में नए बदलाव भी हुए हैं  हर सेक्टर तकनीकी बदलाव की तरफ बढ़ रहा है देश का हर इनोवेटर नया निर्माण कर रहा है ’ प्रधानमंत्री का यह इस साल का चौथा और मन की बात का कुल 64वां संस्करण है इससे पहले पीएम मोदी ने 29 मार्च को मन की बात की थी।


मोदी के भाषण की 8 अहम बातें


1. देश एक टीम की तरह काम कर रहा


मोदी ने कहा, ‘जब देश एक टीम बनकर काम करती है, तब हम देखते हैं कि कितना बेहतर हो सकता है दवाइंया पहुंचाने के लिए लाइफलाइन उड़ान सेवा चल रही है  कई टन दवाएं एक से दूसरे हिस्से में पहुंचाई गई हैं  60 से ज्यादा ट्रैक पर पार्सल ट्रेनें चलाई जा रही हैं  डाक सेवा भी मजबूती से काम कर रही है  गरीबों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं गरीबों को सिलेंडर और राशन दिया जा रहा है ’।


2. पुलिस को लेकर सोच में भी बदलाव आया


उन्होंने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारों की कोरोना से लड़ाई में अहम भूमिका है  हाल ही में जो अध्यादेश लाया गया है, स्वास्थ्यकर्मियों ने इसकी प्रशंसा की है  ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना से लड़ाई में लगे हुए हैं, उन पर हमला करने वालों को सजा का प्रावधान किया गया है  पहले की बजाय पुलिस को लेकर सोच में भी बदलाव आया है  आज पुलिस जरूरतमंदों को खाना पहुंचा रही हैं  इससे पुलिस का मानवीय पक्ष सामने आया है  इसके चलते लोग पुलिस से जुड़ रहे हैं  मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में बहुत ही सकारात्मक बदलाव आ सकता है हमें कभी भी इसे नकारात्मक रंग से रंगना नहीं है ’


3. मदद करना हमारी संस्कृति, दूसरे देश आज थैंक्यू इंडिया कह रहे हैं


मोदी ने कहा, ‘ जो मेरा नहीं है, जिस पर मेरा हक नहीं है, उसे छीनकर उपयोग लाता हूं तो यह विकृति है  जब अपनी जरूरत छोड़कर दूसरे का ध्यान रखा जाता है तो इसे संस्कृति कहते हैं  भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप फैसले लिए हैं ये ऐसा समय है, जब भारत किसी देश को दवाएं न दे तो बड़ी बात नहीं है भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप फैसला लिया  दुनिया से आ रही मांग पर ध्यान दिया  आज दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों से बात होती है तो वे थैंक्यू इंडिया कहते हैं इससे गर्व और बढ़ जाता है ’


4. इम्यूनिटी बढ़ाने का प्रयोग जरूर करें


‘आप लोग इम्यूनिटी बढ़ाने का प्रयोग जरूर कर रहे होंगे  काढ़े आदि के प्रयोग से प्रतिरक्षा बढ़ाई जा सकती है जब कोई देश हमारे फॉर्मूले को बताता है तो हम हाथों-हाथ ले लेते हैं कई बार हम अपने पारंपरिक सिद्धांतों को अपनाने की बजाय छोड़ देते हैं  जैसे विश्व ने योग को स्वीकार किया है, वैसे ही आयुर्वेद को भी स्वीकार करेगा  युवा पीढ़ी को इस बारे में भूमिका निभानी होगी ’


5. अपनी आदतों को बदलें; मॉस्क लगाएं, कहीं भी थूकें नहीं


प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोविड ने हमारी जीवनशैली में जगह बनाई है हमारी चेतना और समझ जागृत हुई है  इसमें मास्क पहनना और चेहरा ढंकना है  हमें इसकी आदत नहीं रही, लेकिन हो यही रहा है  अब आप खुद के साथ दूसरों को भी बचाना चाहते हैं तो मास्क जरूर पहनें गमछा भी बेहतर है सार्वजनिक स्थानों पर थूक देना गलत आदतों का हिस्सा था हम हमेशा से इस समस्या को जानते थे, लेकिन यह खत्म नहीं हो रही थी अब समय है कि थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए  यह बेसिक हाईजीन के साथ कोरोना को फैलने से भी रोकेगी 


6. त्योहार हमें बुरे वक्त से लड़ना सिखाते हैं


उन्होंने कहा, ‘आज अक्षय तृतीया है  यह त्योहार याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी विपत्तियां या कठिनाइयां आएं, इससे लड़ने की हमारे ताकत अक्षय रहेगी  इसी दिन पांडवों को सूर्य से अक्षय पात्र मिला था आज देश के पास अक्षय अन्य भंडार है हमें पर्यावरण के बारे में सोचना होगा  अगर हम अक्षय रहना चाहते हैं तो पर्यावरण को अक्षय रखना होगा ’


7. रमजान घर पर मनाएं, फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाएं रखें


मोदी ने कहा, ‘रमजान चल रहा है इस बार इसे सद्भाव, संयम का पर्व बनाएं  मुझे विश्वास है कि स्थानीय प्रशासन की अपील का पालन करते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखेंगे  आज कोरोना ने त्योहार मनाने का ढंग बदल दिया है लोग अब त्योहारों को घर में रहकर, सादगी से मना रहे हैं इस बार ईसाई दोस्तों ने ईस्टर भी घर पर मनाया 


8. दो गज दूरी बनाए रखें, अतिआत्मविश्वास में न आएं



मोदी ने कहा, ‘मेरा आपसे आग्रह है कि अतिआत्मविश्वास न पालें कि शहर, गली में कोरोना पहुंचा नहीं है, इसलिए वह नहीं पहुंचेगा  लेकिन दुनिया का अनुभव कुछ और कह रहा है  इसे समझना होगा नजर हटी, दुर्घटना घटी  हल्के में लेकर छोड़ी गई आग, कर्ज और बीमारी मौके पड़ते ही दोबारा उभर जाती है  इसलिए कोई लापरवाही न करें फिर कहूंगा- दो गज दूरी बनाए रखें  अगली बार जब मन की बात में मिलूं तो दुनिया से अच्छी खबरें आएं।


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