कोरोना सेंटर से हजारो जमाती  हुए फरार, फैला रहे है वायरस, मीडिया और मोदी पर लगा रहे इल्जाम



नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग)देशभर मे कोरोना कि संख्या मे अचानक से बढ्ने कि वजह अब सामने आ गई है, जिसमे निज़ामुद्दीन के मरकज़ से जुड़े मौलवी और जामतियों के नाम सबसे हजारों कि संख्या मे हैं ये मौलवी और जमाती जो की कोरोना पॉज़िटिव हैं, लगातार हॉस्पिटल मे गलियाँ दे रहे हैं, नर्सो के साथ कपड़े उतारकर बदतमीजी कर रहे हैं, और अंडा बिरयानी तक खाने की मांग कर रहे हैं, दर्जनो जिले मे ये सभी जमाती कोरोना सेंटर छोडकर भागते नज़र आए हैं, जिसके बाद पुलिस उन्हे पकड़ कर फिर से ला रही है. कई दर्जन जमाती गुपचुप तरीके से घरो मे छुप गए हैं  वहीं अब कुछ मुस्लिम संगठन इन सबका दोष सीधे मीडिया को दे रहे हैं वहीं कई संगठन और सोशल मीडिया पर एक्टिव मुस्लिम इसे मोदी सरकार का प्रोपेगेंदा बता रहे हैं जिसे मीडिया फैला रही है। 



दिल्ली के नरेला इलाके में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर से भी मरकज़ के 2 जमाती मौका देखकर सेंटर से भाग गए। मामले की जानकारी पुलिस को हुई, जिसके बाद पुलिस ने क्षेत्रीय सीसीटीवी कैमरों व अन्य लोगों से पूछताछ कर उनकी तलाश शुरू कर दी इसके बाद पुलिस व हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम पटपड़गंज स्थित उनके घर पहुंची तो दोनों वहां मिल गए।


दोनों को वापस नरेला स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती करा दिया गया है। फिलहाल जहां भी जमाती भर्ती हैं वहाँ पुलिस का भी पहरा लगा दिया गया है, नरेला इंडस्ट्रियल एरिया थाने पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।


दिल्ली मे शनिवार दोपहर को क्राइम ब्रांच की टीम मामले की जांच के लिए मरकज पहुंची। पुलिस सूत्रों का कहना है यह टीम अंदर तो नहीं गई लेकिन वहां आसपास का सीन देख हजरत निजामुदीन थाने पहुंच गई।


यहां क्राइम ब्रांच की टीम ने स्थानीय पुलिस से मामले में सहयोग करने की मांग की, क्योंकि इस केस में शुरू से ही स्थानीय पुलिस ही मरकज के लोगों से संपर्क में थी। क्राइम ब्रांच ने मरकज से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी पुलिस से ली है। बताया गया है एक दो दिन में यह टीम मौके पर फिर से जाएगी।


 


कानपुर, आगरा , पीलीभीत, मुंबई, समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां से मरकज़ के लोगों का कोरोना सेंटर से भागने कि खबरे लगातार आ रही हैं, कानपुर और गाजियाबाद मे तो जमातीयों ने उत्पात मचाते हुए अंडा बिरयानी खाने तक कि डिमांड कर दी  यहीं पर नर्सो के साथ कपड़े उतार कर अश्लील हरकत कि गई, डॉक्टर से बदतमीजी और गलियाँ भी इन लोगों ने ही दी इंदौर मे तो पुलिस के दबाव के बावजूद ये मेडिकल टीम पर पत्थर मारते भी नज़र आए, जिससे कई दर्जन अधिकारी और मेडिकल टीम घायल हो गए है।



दिल्ली समेत देशभर मे फैले मरकज से जुड़े लोग मीडिया से खासे नाराज हैं। उनका मानना है कि, जान बूझकर छवि खराब की गई है। पिछले दिनों एक ऑडियो जारी कर मोहम्मद साद ने भी इस बात पर जोर दिया था, दावा किया था कि, मीडिया को मामले की पूरी जानकारी नहीं है।


उनके सेंटर से निकला कोई भी केस पॉजिटिव नहीं मिला है। वह शुरू से ही पुलिस को सहयोग करते आ रहे हैं। जबकि  अब जो मेडिकल रिपोर्ट्स आ रही हैं उनमे सबसे ज्यादा केस मरकज़ से जुड़े मौलवियों और जामतियों कि ही है।


बताते चलें कि मरकज के जामतियों कि वजह से उत्तर प्रदेश मे इस वक़्त सबसे गंभीर हालत आगरा, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, हुई है  लगभग 94 जमाती पॉज़िटिव पाए गए हैं  यही हालत महाराष्ट्र मे भी है वहाँ इस वक़्त 410 से ज्यादा कोरोना पॉज़िटिव है, दिल्ली मे भी इनकी संख्या 50 से ज्यादा है  मध्यप्रदेश मे भी इनकी संख्या 200 तक पहुच चुकी है, इंदौर मे ही 2दर्जन हो रहे हैं।


अब देश भर मे जामतियों कि संख्या जिस तरह से बढ़ी है, उससे ऐसे ही लग रहा है, कि कोरोना को फैलाने के लिए मौलाना साद ने बकायदा उन्हे ट्रेंड किया था क्यूंकी मस्जिद से निकले ये जमाती अपना इलाज़ कराने के बजाय डॉक्टर नर्सो पर थूक रहे हैं फिलहाल मौलाना साद क्राइम ब्रांच कि पकड़ से दूर हैं, उसके मिलने के बाद ही इन जामतियों के ऊपर से पर्दा उठ सकेगा।


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