बोर्ड के छात्रों को इंटरनल एग्जाम के आधार पर पास करे सरकार: अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग) देशभर मे कोरोना संकट से जूझ रही हर तरह कि व्यवस्था मे शिक्षा एक बड़ा महत्व रखती है, लेकिन कई केंद्रीय बोर्डों और राज्य के बोर्ड परीक्षा मे अब तक कई जगहों पर नया सत्रह शुरू नहीं हो सका है।
क्यूंकी पिछले सत्र कि कुछ परीक्षा नहीं हो सकी है, ऐसे मे दिल्ली सरकार का मानना है कि, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हुए छात्रों को स्कूल की आंतरिक परीक्षा के आधार पर पास कर दिया जाए दिल्ली के शिक्षा मंत्री और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार की राय से केंद्र सरकार को इस बारे मे जानकारी देते हुए सुझाव भी दिया है।
दिल्ली सरकार ने अगले वर्ष के लिए छात्रों के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत कमी करने का भी सुझाव दिया है केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देशभर के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ विभिन्न विषयों पर एक अहम बैठक की।
इस बैठक में शामिल हुए मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं न करवा कर आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर ही छात्रों का रिजल्ट जारी करने की बात कही शिक्षा मंत्रियों की इस बैठक में सिसोदिया ने कहा, अगले वर्ष के लिए समूचे पाठ्यक्रम में कम से कम 30 प्रतिशत की कमी की जाए।
और जी, नीट तथा अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएं भी कम किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर ही ली जाएं सिसोदिया ने कहा, सीबीएसई की 10वीं 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराना अभी सम्भव नहीं होगा इसलिए आंतरिक परीक्षा के आधार पर ही बच्चों को पास किया जाए जिस तरह 9वीं और 11वीं के बच्चों को पास किया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली समेत देशभर के विभिन्न राज्यों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जा चुका है हालांकि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर फिलहाल किसी भी अन्य राज्य सरकार की ओर से यह मत नहीं आया है।
इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने दूरदर्शन और एईआरबी एफएम पर रोजाना तीन-तीन घंटे का समय मांगा है दिल्ली सरकार का कहना है कि शिक्षक सभी बच्चों के लिए ऑन एयर क्लास चला सकें, इसके लिए दूरदर्शन एवं एफएम पर समुचित समय मिलना चाहिए।
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