बांद्रा  स्टेशन पर जमा हुए लोग वजह पेट की भूख या अफवाह ,पुलिस ने किया लाठी चार्ज


मुंबई,(स्वतंत्र प्रयाग) मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर अचानक से 14 अप्रैल को देर शाम घर जानें की जल्दी मे हजारों लोग जमा होने की सूचना के बाद प्रशासन की एक बड़ी फेलयोर सामने आई बांद्रा स्टेशन पर जमा होते देख लोगों को पुलिस ने बेकाबू भीड़ को काफी कुछ समझाने की कोशिश भी की, लेकिन भीड़ को बेकाबू होता देख पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हे हटाना पड़ा, घंटों तक समझाने के बाद भी लोगो को वापस नहीं जाता देख, पुलिस ने लाठी चार्ज करना शुरू कर दिया  जानने वाली बात यह है की आखिरकार अचानक से लोग मुंबई की बांद्रा रेलवे स्टेशन पर जाम क्यों लगा दिया।


बता दें की देश में कोरोना वायरस का संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है ऐसे में इस चैन को तोड़ने के लिए पीएम मोदी ने फिर से 3 मई तक के लिए लॉकडाउन अवधि बढ़ा दी है लेकिन भूख से मर रही गरीब जनता को नहीं पता की देश में क्या हो रहा, क्या हालात है?, 


दरअसल, मुंबई पुलिस के इंटेलिजेंस फेलियर की वजह से मंगलवार की शाम अचानक बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पहुंच गए इनकी मांग थी कि इन्हें अपने-अपने गांव और घर पहुंचाया जाए मजदूरों की भीड़ को नियंत्रित करने और हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।


इस मामले में एक हजार लोगों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 51 और महामारी अधिनियम में केस दर्ज किया गया है पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में एक NGO संचालक को गिरफ्तार कर लिया है वहीं, एक स्थानीय टीवी चैनल के रिपोर्टर के खिलाफ भी केस दर्ज करके उसे हिरासत में लिया गया है।


इस पूरी घटना के बाद उद्धव ठाकरे तक को सफाई देनी पड़ी  उन्होंने मजदूरों से अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं होता है  जैसे ही पाबंदियां हटेगी सभी को घर भेजने का इंतजाम किया जाएगा ब्रांदा में उमड़ी भीड़ के लिए छह वजह सामने आ रही है, जिसका जिक्र राज्य सरकार से लेकर पुलिस तक ने किया है।



ब्रांदा में उमड़ी भीड़ की असली वजह, मजदूरों को लगा लॉकडाउन खत्म हो गया


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को लगा कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद ट्रेनें शुरू होंगी और वे अपने गांव जा सकेंगे बहुत संभव है कि इस प्रकार की अफवाह भी मजूदरों के बीच जानबूझ फैलाई हो इस प्रकार की अफवाह फैलाकर मुंबई का माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


मुंबई पुलिस प्रवक्ता ने कहा की हमने स्थिति संभाल ली थी


मुंबई पुलिस के प्रवक्ता प्रणय अशोक ने बताया कि बांद्रा रेलवे परिसर के पास मंगलवार शाम को करीब 1500 मजदूर जमा हुए थे, सभी गांव जाना चाहते थे  उन्होंने बताया कि लॉकडाउन बढ़ने की वजह से मजदूरों के मन में असंतोष हो गया मजदूरों को समझाया गया लेकिन जब वह उग्र हुए तो हल्का बल इस्तेमाल कर उन्हें वहां से हटा दिया गया  वहां भारी पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है और वहां की स्थिति शांतिपूर्ण है।


लाखों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन के चलते फंसे


मुंबई में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के चलते फंसे हुए हैं  इनमें अधिकांश दिहाड़ी मजदूर, ऑटो रिक्शा-टैक्सी चालक, सड़क किनारे ठेला लगाने वाले और किसी छोटी फैक्टरी या दुकान में काम करने वाले हैं लॉकडाउन के पहले चरण में इन लोगों ने यहां वहां से राशन का जुगाड़ कर पेट भर लिया परंतु अब इन्हें अनाज व भोजन की सहायता मिलना धीरे-धीरे कम हो रही है कुछ लोगों तक मदद पहुंच भी नहीं रही है लिहाजा कम पढ़े लिखे इन मजदूरों पर अब अपने गांव जाने का जनून सवार हो गया है।


ट्रेन शुरू होने की गलत अफवाह के हुये शिकार


मजदूर बांद्रा उपनगरीय रेलवे स्टेशन के पास कर्फ्यू तोड़कर जमा हुए वे ऐसे स्लम या छोटे कमरे में रहते हैं जहां 100 वर्ग फीट की जगह में 5 से अधिक लोग रहते हैं  ऐसे में ये लोग सोशल डिस्टेंस नहीं रख पा रहे हैं  चूंकि मुंबई के अधिकांश स्लम में इस वक्त कोरोनावायरस महामारी फैल रही है लिहाजा जब इन मजदूरों तक ट्रेन शुरू होने की अफवाह पहुंची, तो वे बिना सच जाने छोटे-छोटे समूह में बांद्रा स्टेशन पहुंच गए।


घटनाक्रम के पीछे बड़ी साजिश – पुलिस


पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बड़ी साजिश भी हो सकती है? दरअसल महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कुछ दिनों पहले दिल्ली स्थित निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में इज्तेमा के आयोजन की इजाजत दिए जाने पर सीधे सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर सवाल खड़ा किया था उन्होंने मरकज में धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन को केंद्र सरकार इंटेलिजेंस फेलियर से जोड़ा था अब बांद्रा में अचानक भारी भीड़ उमड़ने की घटना के बाद मुंबई पुलिस के इंटेलिजेंस फेलियर का मुद्दा सामने आ गया है  हालांकि, इस बारे में कोई ठोस प्रमाण अब तक सामने नहीं आए हैं।


NGO संचालक और एक मराठी पत्रकार गिरफ्तार  


बांद्रा की भीड़ के पीछे NGO संचालक विनय दूबे को भी जिम्मेदार बताते हुए नवी मुंबई से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है  विनय ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर कर 14 अप्रैल से बसों और ट्रेनों को शुरू करने की बात कही थी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने भी एक मराठी टीवी चैनल की उस खबर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें दावा किया गया था कि 14 अप्रैल से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा इस समाचार को सामने लाने वाले पत्रकार को भी हिरासत में ले लिए गया है।


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