अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन को नही देगा पैसा, अमेरिकी राष्ट्र पति ने कहा कोरोना की लड़ाई में नही किया सहयोग



वाशिंगटन,(स्वतंत्र प्रयाग) विश्व भर मे इस वक़्त 119 देश कोरोना की महामारी से उलझे हुए है, हर तरफ इसको लेकर गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं, वहीं सभी देशो मे चर्चा WHO यानि विश्वस्वस्थ्य संगठन को लेकर भी है, वहीं अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, महामारी की रोकथाम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कारगर काम नहीं किया, इसलिये अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन को सदस्यता शुल्क न देने का विचार कर रहा है।


अमेरिका का ऐसा मानना है की चीन मे फैली इस महामारी की सही जानकारी दुनिया को समय से नहीं देने के पीछे WHO भी था साथ ही जो बेहतर एंतेजाम कराने चाहिए थे, वो नहीं कराए गए।


इसी वजह से अमेरिका अब डबल्यूएचओ को किसी प्रकार की कोई फंडिंग देने से इंकार कर रहा है, वहीं डबल्यूएचओ के अधिकारियों ने अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि, पहले अपने देश को बचाइए   फिर हम्से लड़ना।


इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 8 अप्रैल को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, इस समय विश्व में महामारी तेजी से फैल रही है।
इस वक्त अमेरिका की कार्रवाई विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामान्य संचालन पर गंभीर असर पड़ेगा, जो महामारी की रोकथाम में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए लाभदायक नहीं है।


साथ ही उन्होंने आशा जताई कि, विभिन्न देश एक दूसरे की सहायता कर महामारी की रोकथाम में अपना योगदान दे सकेंगे  चीनी प्रवक्ता चाओ लीचेन ने यह भी कहा कि कोविड-19 फैलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम गेब्रेयेसुस के नेतृत्व में सक्रिय रूप से अपनी जिम्मेदारी निभायी है।



और महामारी की रोकथाम में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की स्वीकृति और उच्च प्रशंसा प्राप्त हुई है  चीन पहले की तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन देगा, और विश्व में महामारी की रोकथाम में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व का समर्थन करेगा।


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