मध्य प्रदेश सरकार का टल गया संकट ,अब 26 तारीख को होगा फ्लोर टेस्ट



भोपाल,(स्वतंत्र प्रयाग) मध्यप्रदेश की राजनीति बीते एक सप्ताह से सियासी घमासान जारी है  बता दें की बीते शनिवार रात राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के ठीक बाद फ्लोर टेस्ट के निर्देश जारी किए थे।



 


लेकिन आश्चर्यजनक यह कि विधानसभा की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया का कोई जिक्र ही नहीं था मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को सियासी उठापटक के बीच फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ  स्पीकर एनपी प्रजापति ने 26 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।


इसी दिन राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग भी होनी है  इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन करीब 11.15 बजे विधानसभा पहुंचे  उन्होंने अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन करें, इतना कहकर वे सदन से चले गए।


वहीं, कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा- मौजूदा स्थिति में फ्लोर टेस्ट कराना संभव नहीं है  अभी सदन में बहुमत परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक है।


 


बीती रात सीएम हाउस पर चौकस पर थे सुरक्षाकर्मी


मुख्यमंत्री निवास के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं गेट के बाहर किसी को रुकने नहीं दिया जा रहा है  एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, हम लोग 24 घंटे से ड्यूटी पर हैं सिर्फ खाना खाने के लिए गए थे  सीएम हाउस में सुबह से हलचल नहीं है  कुछ खाली गाड़ियां अंदर जरूर गई थीं  अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ मंत्री यहां रात से ही रुके हो सकते हैं।


विधानसभा की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट नहीं का जिक्र ही नहीं


इससे पहले रविवार को जयपुर से कांग्रेस के विधायक भोपाल पहुंचे देर रात मानेसर में ठहरे भाजपा विधायक भी पहुंच गए  अभी कांग्रेस के बागी 22 विधायक बेंगलुरु में हैं।


इधर, रविवार शाम विधानसभा की कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का जिक्र किया गया है  मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ किया है कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन पहले बेंगलुरु में बंधक विधायकों को रिहा किया जाए।


 


भाजपा ने कहा- राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघन हुआ


विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रविवार रात राज्यपाल से मुलाकात की  उन्होंने कहा- राज्‍यपाल ने विधानसभा अध्‍यक्ष और सरकार को निर्देश दिया था कि 16 मार्च को अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्‍ट करवाएं।


लेकिन, सरकार की ओर से विधानसभा की कार्यसूची में केवल अभिभाषण को लिया गया. यह राज्‍यपाल के निर्देश का उल्‍लंघन और असंवैधानिक है  हमने विरोध के तौर पर ज्ञापन दिया है  राज्‍यपाल ने आश्‍वासन दिया है कि वे नियमों के तहत इस पर निर्णय लेंगे।


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