इटली के चर्चो में नही बची लाश रखने की जगह, कर्मकांड के लिए नही मिल रहे है पादरी
नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग),इटली में मौत की संख्या लगातार तेजी से बढ़ने के कारण चर्च में शवों से भरे ताबूत की तादाद भी बढ़ती जा रही है यहां अब शवों को परंपरा के अनुसार चर्च या पादरी के पास ले जाकर कर्मकांड करवाए बिना ही दफनाया जा रहा है।
बता दें की इटली में कोरोना वायरस से अभी तक सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं यहां पूरी तरह लॉकडाउन हैए फिर भी हालात बदतर होते जा रहे हैं हर तरफ सन्नाटा है और बस सायरन की आवाजें गूंज रही हैं इटली सरकार 10,023 लोगों की मौत की पुष्टि कर चुकी है।
इटली में 92,472 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैंए जिनमें से 12,384 ठीक हो चुके हैं इटली में हालात इतने भयावह हो गए हैं कि चर्चों में ताबूतों की कतार लग गई है चर्च में शवों से भरे ताबूत ही ताबूत नजर आ रहे हैं।
नौबत यहां तक आ गई है कि कई चर्चों में इनके लिए जगह तक नहीं बची है करीब एक करोड़ की आबादी वाला उत्तरी इटली का लोम्बार्डी तबाही के मुहाने पर है इटली में संक्रमित व्यक्तियों की औसत आयु 80,4 साल है यहां की आबादी में 65 साल से ऊपर की आबादी 23,3 फीसदी हैए जो यूरोप के औसत 19 फीसदी से अधिक है।
यहां सिर्फ 1 फीसदी मौतें 60 साल से कम उम्र के लोगों की हुई है. उधर, लगातार बढ़ते मामले के बावजूद लोग लॉकडाउन के नियमों को तोड़ रहे हैंए जिसके बाद सेना को तैनात किया गया बेवजह घूमने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और केस दर्ज किए जा रहे हैं।
कर्मकांड के लिए पादरी भी नहीं मिल रहे
इटली में कोरोना वायरस संक्रमण के मृतकों के अंतिम संस्कार कार्यक्रमों पर रोक है यहां मौतों का आंकड़ा इतना अधिक हो चुका है कि चर्चों में शवों वाले ताबूत कों को रखने की जगह तक नहीं मिल रही है वहींए कर्मकांड के लिए पादरी तक नहीं मिल रहे हैं।
ऐसे में लोग शवों को चर्च या पादरी के पास ले जाकर कर्मकांड करवाए बिना दफना रहे हैं अंतिम संस्कार पर रोक की वजह से शव दफनाने वाली एजेंसियां भी शव लेने से इनकार कर रही हैं गौरतलब है कि पांच लाख की आबादी वाले बरगामो शहर में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बाद ऐतिहासिक कब्रिस्तान को बंद किया गया है।
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