ब्रिटेन ने CAA को लेकर फिर जताई चिंता,कहा भारत पर करीबी निगाह



लंदन,(स्वतंत्र प्रयाग)ब्रिटेन सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के संभावित प्रभाव को लेकर एक बार फिर चिंता से दोहराई और कहा कि वह भारत की घटनाओं पर करीब से निगाह रख रहा है।


हाउस ऑफ कॉमन्स में ‘भारत में हालिया हिंसा' पर मंगलवार को विपक्षी लेबर पार्टी के पाकिस्तानी मूल के सांसद खालिद महमूद की ओर से रखे गए प्रश्न के जवाब में ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (FCO) के राज्य मंत्री निजेल एडम्स ने कहा कि ब्रिटेन मानवाधिकारों समेत सभी स्तरों पर भारत के साथ बातचीत कर रहा है।


भारत की समावेशी सरकार और धार्मिक सहिष्णुता के ‘गौरवशाली इतिहास' का भी हवाला दिया. एडम्स ने कहा, “ ब्रिटेन सरकार कानून (CAA) के संभावित प्रभाव को लेकर भी चिंतित है.'' मंत्री ने कहा, “ भारत सरकार के साथ हमारे करीबी रिश्तों की वजह से हम उनके साथ मुश्किल मुद्दों पर चर्चा कर पाते हैं।


और अल्पसंख्यकों के अधिकारों समेत अपनी चिंताएं उन्हें स्पष्ट कर पाते हैं  हम घटनाओं पर करीब से निगाह रखना जारी रखेंगे और जब उनके साथ हमारी चिंताएं होंगी तो उन्हें व्यक्त करेंगे.” महमूद ने FCO के बयान के लिए तत्काल प्रश्न रखा था  सरकार की प्रतिक्रिया को खानापूर्ति बताया है।


पाकिस्तानी मूल की एक अन्य सांसद नुसरत गनी ने सरकार से ब्रिटेन सरकार की चिंताओं को भारतीय अधिकारियों तक पहुंचाने का आग्रह किया है  ब्रिटिश सिख लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि हिंसा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की दुखद यादों को ताजा कर दिया है।


जब वह भारत में पढ़ रहे थे और उनकी साथी सांसद प्रीत कौर गिल ने भी 1984 दंगों का संदर्भ दिया  कन्जर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा, “ वह इस बात से वाकिफ कराएंगे कि दंगों में सिर्फ मुस्लिम नहीं मारे गए हैं, बल्कि हिंदू भी मरे हैं।


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