तुर्की के राष्ट्रपति ने फिर कश्मीर में फिर खींच लिए भारत के पैर अब जुल्म बर्दास्त नही
नई दिल्ली,(स्वतंत्र प्रयाग) तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगान ने कश्मीर मुद्दे पर टांग अड़ाई है। पाकिस्तानी संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिससे भारत के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं। एर्दोगान ने कहा कि कश्मीर में जुल्म हो रहा है और वो चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को बेशर्त समर्थन देने का वादा कर डाला।
एर्दोगान का पूरा भाषण इस्लाम और मुसलमान के इर्द गिर्द घूमता रहा। मुस्तफा कमाल पाशा ऊर्फ अतातुर्क की धर्मनिरपेक्ष सांस्कृतिक विरासत के उलट एर्दोगान मानो दुनिया भर के मुसलमानों के रहनुमा बनने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई जमीन पर खींची हुई सीमा इस्लाम मानने वालों को बांट नहीं सकती।
एर्दोगान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी लपेटा। उन्होंने कहा कि मध्य-पूर्व में अमेरिका का पीस प्लान दरअसल आक्रमणकारी नीयत है। उन्होंने कहा कि जहां भी मुसलमान मारे जा रहे हैं वहां मुस्लिम देशों को एकजुट होने की जरूरत है। यही नहीं आतंकवाद के जनक पाकिस्तान को उन्होंने इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी बता दिया।
इमरान खान और बाकी सांसदों की तालियों के बीच एर्दोगान ने कहा कि वो फाइनेन्सियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में भी बिना शर्त पाकिस्तान का समर्थन करेंगे। एर्दोगान ने पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताकर इमरान को खुश कर दिया।एर्दोगान ने कहा, आपका दर्द मेरा दर्द है। हमारी दोस्ती प्यार और सम्मान पर आधारित है।
पाकिस्तान तरक्की की तरफ है और ये कुछ दिनों में नहीं हो सकता। इसमें वक्त लगेगा और तुर्की इसमें सहयोग करता रहेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि वो पाक संसद में आकर अपनो के धन्य पा रहे हैं। इससे पहले 2016 में भी वो पाकिस्तानी संसद को संबोधित कर चुके हैं। इससे पहले इमरान खान ने खुद एर्दोगान की गाड़ी ड्राइव की और उन्हें राष्ट्रपति भवन तक ले गए।
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