माननीय न्यायालय की आदेशो की उड़ाई जा रही है धज्जिया नही ओवरलोड अवैध परिवहन का सिलसिला


 


माननीय न्यायालय के आदेशों की  देश की नामी गिरामी कंपनी टाटा नही कर रही है पालन



प्रयागराज,(स्वतंत्र प्रयाग), (बारा) , बताते चले कि माननीय न्ययालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने ओवरलोड ट्रको के संचालन में पूरी तरह से रोक लगा दिया है।किंतु प्रयागराज जनपद में ऐसा नही है  बारा पावर प्लांट से प्रतिदिन हजारों ट्रक राखड़ जो कि सीमेंट बनाने के काम मे आता है ओवरलोड लाद कर लंबी लंबी टेलर आसानी से निकलते है ।



 ओवरलोड ट्रको का आलम ये है कि इनकी क्षमता  लोडिंग की 35 टन  की है किंतु बारा पावर प्लांट इनको 80 टन  राखड़ ओवरलोड कर  देता है।जिससे सड़क  तो खराब हो  रही है साथ ही माननीय न्यायालय के आदेशो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है ।



 परिवहन विभाग अपनी जेब भरने के चक्कर मे इन टेलरों से प्रति टेलर पांच हजार महीने भर का ओवरलोडिंग करने के लिए पैसा लेता है दिन और रात को मिलाकर सैकड़ो ट्रक निकलते है जिससे कम से कम 500 ट्रक अगर प्रतिदिन मान  ले तो कितना पैसा होता है।
 


जो सरकार के खाते में न जा कर परिवहन विभाग के आर टी ओ की जेब मे जाता है जब कि अगर इन ट्रको से ओवरलोडिंग आर टी ओ चेक करे तो एक दिन में लाखों रुपये सरकार को राजस्व मिल सकता हैकिन्तु आर टी ओ तो अपनी जेब भरने के चक्कर मे सरकार का लाखो रुपये प्रतिदिन का नुकसान कर रहे है।



 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओवरलोडिंग तथा अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही करने का आदेश भी दिए है।
 किंतु प्रयागराज जनपद के आर टी ओ  को मुख्यमंत्री के आदेशों का भी कोई असर नही पड़ता जबकि सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी दसा में ओवरलोड परिवहन न होने पाए।
 


किन्तु प्रयागराज जनपद में माननीय न्यायालय तथा मुख्यमंत्री का आदेश कोई मायने नही रखता।   सबसे मजे की बात तो ये है कि ओवरलोडिंग के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कड़ा कदम उठाते हुए गिट्टी पत्थर तथा जमुना घाटो पर कांटा भी लगवाया है तथा आदेशित किया है  की किसी भी तरह अवैध खनन ओवरलोड परिवहन न होने पाए।


 यही नही अवैध खनन तथा ओवरलोडिंग के लिए पुलिस तथा तहसील के अधिकारियो को भी रोकने का आदेश है फिर भी  कोई भी इन ओवरलोडिंग वाहनों को रोकने की कोशिश  नही करते है ओवरलोडिंग के संबंध में एक ड्राइवर से बात की गई तो उसने नाम न छापने की बात पर बताया कि आर टी ओ को पांच हजार महीना प्रति ट्रक तथा पुलिस को भी कुछ पैसा दिया जाता है।
 


मालिक के द्वारा जिसकी मुझे जानकारी नही है किंतु इतना है कि पुलिस को भी महीनवारी प्रति ट्रक के हिसाब से दिया जाता है अब सवाल ये  खड़ा होता है।
 कि गिट्टी पत्थर में पैसा बालू में पैसा तो ठीक है दिया जा रहा हैं जिसमे शासन की भी रोक है तथा न्यायालय की भी रोक है।


किंतु बारा पावर प्लांट जो कि भारत की एक नामी गिरामी कंपनी जो कि नियम कानून का पालन करती है जिसका नाम टाटा है। इस नामी गिरामी कंपनी में माननीय न्यायालय के आदेशों का पालन न हो तो भगवान ही मालिक है उत्तर प्रदेश के जहाँ नियम कानून  को ताक पर रख कर कार्य हो न्यायालय के आदेश का खुलेआम उलंघन किया जा रहा हो।


जब इस संबंध में परिवहन विभाग से संपर्क करने की कोशिश की गई तो मोबाईल स्विच ऑफ बता रहा था। 
इस संबंध में पत्रकार ने खुद सी यम हेल्प लाइन नंबर पर ओवरलोडिंग की शिकायत की  मुख्य मंत्री के जनसुनवाई नंबर 1076 पर काल किया तो वहाँ से कार्यवाई की बात की गई।


किन्तु कोई भी ट्रक आज तक  रोका  नही गया न तो ओवरलोडिंग बन्द हुई।पत्रकार ने फिर दोबारा सी यम हेल्प लाइन पर शिकायत किया तो कहा गया निस्तारण कर दिया गया है अब सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री के यहां शिकायत का कोई असर नही पड़ रहा है।


तो क्या कार्यवाही होगी यह तो अधिकारी ही जाने जो सी यम हेल्पलाइन पर बैठे है किंतु बात जो भी हो यह तो वही जाने।
किन्तु प्रयागराज जनपद में माननीय न्यायालय के आदेशों की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है साथ ही प्रयागराज जनपद में भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।


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