भगवान बुद्ध का जन्म करुणा और मैत्री का है : भदंत शीलप्रकाश


 


जालौन,(स्वतंत्र प्रयाग),उरई भगवान बुद्ध का धम्म करुणा और मैत्री का है जिसमें पंचशील के सिद्धांत व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाते हैं।और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं जो समाज एवं देश के उत्थान में सहायक हो सकते हैं। प्रबुद्ध भारत कॉन्फ्रेंस एवं ध्म्म दीक्षा समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूज्य भदंत शील प्रकाश महा थेरो ने धम्म के उपासक उपसि काओं का मार्गदर्शन करते हुए यह बात कही।


उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने जो पंचशील का सिद्धांत हमें दिया है वह व्यक्ति की आचार विचार और आगे बढ़ने के लिए ऊर्जावान बनाता है।क्योंकि जो बुराइयां के व्यक्ति अंदर हैं वह पंचशील अपनाने के बाद अपने आप उनसे मुक्त हो जाता है । उन्होंने स्पष्ट किया पंचशील का मतलब सदाचार से है जिसमें दुव्यवसनों से दूर रहने का मार्ग दिखाया गया है। 


भगवान बुद्ध का जन्म करुणा मैत्री का है और करुणा मैत्री व्यक्ति में तभी आती है जब वह मैत्री एवं करुणा से गुजरा हो उन्होंने मां को करुणा एवं मैत्री का प्रतिरूप बताते हुए कहा मां वही होतीहै जो बच्चे को दूध पिला कर जीवन देती है।
 जिस मां ने दूध नहीं पिलाया नौ माह पेट में नहीं रखा वह करूणा एवं मैत्री की पूरक नहीं हो सकती क्योंकि उसे ममता करुणा व मैत्री का एहसास नहीं होता है।


इसलिए महिला हो या पुरुष सभी को पंचशील के सिद्धांतों पर चलकर नए समाज को गढ़ना होगा । उन्होंने यह भी स्पष्ट किया जो मां बाप अपनी बच्ची का लालन पालन करते हैं वह अपनी लड़की व दामाद से कैसे आशीर्वाद ले सकते हैं उसे तो आशीर्वाद मां बाप ही दे सकते हैं इसलिए हमें ऐसी व्यवस्था से मुक्त होना पड़ेगा ।


अंजू चौधरी ने कहा कि आज भी महिलाओं को समाज में हीन भावना व द्वस्व महिलाएं आज पुरुषों से कहीं भी पीछे नहीं है फिर भी महिलाओं को समाज में वह दर्जा नहीं मिलता जो उनको मिलना चाहिए वाह समाज में घूंघट की प्रथा आज भी बनी हुई है अपनी बच्चियों को लड़कों के बराबर शिक्षा देना चाहिए एवं समाज के हर पटल पर बहन बेटियों को आगे आना होगा तभी हमारा सामान बाबा साहब के सपनों को साकार करेगा।


कार्यक्रम का संचालन कर रहे भंते धर्मवीर नागपुर महाराष्ट्र ने कहा कि भिक्षुओं के दर्शन मात्र से जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आता है समय-समय पर धम्म का श्रवण जीवन को मंगलकारी बनाता है रामविहारी बाबूजी ने भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति और सुजाता का खीर खिलाना बाद में पांच भिक्षुओं को ज्ञान प्राप्ति का मार्ग बताना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा बौद्ध जीने बताया कि आज सारी दुनिया में यह मंथन हो रहा है कि इंसान इंसान से नफरत क्यों कर रहा है।


और इसका समाधान कैसे हो सकता है और अब तक जो चीजें सामने आई हैं उससे स्पष्ट है कि भगवान बुद्ध का धम्म नफरत की इस आंधी से समाज व्यक्ति एवं दुनिया को मुक्त दिला सकता है उन्होंने अपने थाईलैंड प्रवास के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों को उपासक उपासिकाओं के बीच साझा किया कल्याणकारी पंचशील बौद्ध विहार जालौन रोड उरई पर आयोजित पांच दिवसीय धम्म दीक्षा समारोह में मुख्य वक्ता भंते प्रियदर्शी बनारस ने भी मार्गदर्शन किया तो भिक्खुनी नागधम्मनी नागपुर भिक्खुनी महामाया नागपुर महाराष्ट्र भिक्खुनी सुकेशिनी नागपुर महाराष्ट्र ने भी उपासक उपासिकाओं का मार्गदर्शन किया।


कार्यक्रम पूर्व मंत्री चैनसुख भारती वरिष्ठ नेता बाबू रामाधीन, शिवराम कुशवाहा पूर्व विधायक 'शैलेंद्र शिरोमणि ,रामअवतार बीजापुर ,मनोज दिवाकर अमर सिंह अंजू चौधरी, किरन चौधरी सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे। कार्यक्रम के संयोजक भिक्खू शिखानंद के संयोजन में आयोजित प्रबुद्ध भारत कॉन्फ्रेंस एवं धम्म दीक्षा समारोह के तीसरे दिन आज बड़ी संख्या में उपासक उपसिकायें मौजूद रहे।


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