शेल्टर होम केस में NGO मालिक समेत 19 आरोपी दोषी करार, 28 जनवरी को होगा सजा का ऐलान


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 19 आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषी करार दिए गए आरोपियों में एनजीओ का मालिक ब्रजेश ठाकुर भी शामिल है। एक आरोपी को मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में  कोर्ट ने बरी कर दिया है। सभी दोषियों को 28 जनवरी की सुबह 10 बजे सजा सुनाई जाएगी।


इन सभी को शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ की अदालत ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को 1045 पन्नों के अपने आदेश में दोषी ठहराया है। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर के अलावा बालिकागृह की अधीक्षक इंदु कुमारी, बालिकागृह की गृह माता मीनू देवी, चंदा देवी, काउंसलर मंजू देवी, नर्स नेहा कुमारी, केस वर्कर हेमा मसीह, सहायक किरण कुमारी, तत्कालीन सीपीओ रवि कुमार, सीडब्लूसी के अध्यक्ष दिलीप कुमार, सीडब्लूसी के सदस्य विकास कुमार, ब्रजेश ठाकुर का ड्राइवर विजय तिवारी, कर्मचारी गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह, बालिकागृह के डॉक्टर अश्विनी, साइस्ता परवीन उर्फ मधु को अदालत ने दोषी करार दिया है।


गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के बालिका गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। मेडिकल टेस्ट में तकरीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें नशीला दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया जाता था। बिहार से लेकर दिल्ली तक इसने सुर्खियां बटोरी थी। यह शेल्टर होम बिहार पीपुल्स पार्टी  के पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर द्वारा संचालित था।


रिपोर्ट के मुताबिक शेल्टर होम में बच्चियों के साथ न केवल बलात्कार हुआ बल्कि यहां लड़कियां प्रेग्नेंट भी हुईं। नीतीश सरकार की मंत्री मंजू वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।


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