राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, पीस पार्टी ने दायर की क्यूरेटिव पिटीशन


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): लखनऊ
 /अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में पहली क्यूरेटिव पिटीशन(संशोधन याचिका) मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में दायर की गई। इस मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद पीस पार्टी के डॉक्टर अयूब ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले में फैसला आस्था के आधार पर लिया गया था।


बता दें कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने नौ नवंबर 2019 को अयोध्या मामले में अपना फैसला सुनाया था, जिसके खिलाफ 19 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थी। उच्चतम न्यायालय ने गत 12 दिसंबर को सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था।


चीफ जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना ने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने का फैसला लिया। इस पीठ में शामिल जस्टिस संजीव खन्ना नए सदस्य थे।


गौरतलब है कि पिछले साल सालों से चले आ रहे अयोध्या राम जन्भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवम्बर को अपना फैसला रामलला के हक में सुनाया था और जन्मभूमि पर राम मंदिर बनवाने का आदेश दिया था। जहां एक ओर सभी राम मंदिर बनने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पीस पार्टी आज सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेगी।


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