माघ मेलें में जमीन और सुविधाओं की मांग को लेकर,भूख हड़ताल पर बैठे साधु-संत


प्रयागराज(स्वतंत्र प्रयाग) लखनऊ संगमनगरी प्रयागराज हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित यह स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है।


जो त्रिवेणी संगम के नाम से प्रसिद्ध है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में महा कुंभ मेले का आयोजन होता है साथ ही साथ प्रत्येक वर्षो की भांति इस वर्ष भी  रेती पर लगने वालें माघ मेले की शुरुआत 10 जनवरी से होने जा रहा है।


लेकिन मेले में आने वाली नई संस्थाओं को अब तक मेला प्रशासन जमीन का आवंटन तक नहीं कर पाया है। जिससे नाराज कई संस्थाओं के पदाधिकारी और साधु- संत मेला अधिकारी के कार्यालय के बाहर ही भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।


भूख हड़ताल पर बैठे संस्था के लोगों को कहना है कि मेले में जमीन और सुविधाओं की मांग को लेकर वे कमिश्नर और डीएम से लेकर एडीएम सिटी और मेला अधिकारी के दफ्तरों के चक्कर लगा कर थक चुके हैं।


लेकिन मेला प्रशासन पहले तो उन्हें गुमराह करता रहा और एक -दो जनवरी के आस-पास नई संस्थाओं को जमीन देने का आश्वासन दिया। लेकिन अब मेला प्रशासन बजट की कमी होने का हवाला देकर मेले में आयी नई संस्थाओं को जमीन और सुविधायें देने से ही हाथ खड़े कर दिए हैं।


मेले में जमीन और सुविधा की मांग को लेकर मेलाधिकारी कार्यालय के बाहर कड़ाके की ठंड में भूख हड़ताल पर बैठे संस्था के लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को मेले में बुलाने की गुहार लगाई है।


भूख हड़ताल पर बैठे मध्य प्रदेश के रीवा के संत त्रिलोचनानंद जी महाराज ने कागजात दिखाते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें कुम्भ मेले के दौरान भी जमीन और सुविधाएं मिली थी। लेकिन मेला प्रशासन अब उन्हें बजट की कमी बताते हुए जमीन देने से ही इंकार कर रहा है।


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