लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी को हत्या के मामले में उम्रकैद


श्रीनगर (स्वतंत्र प्रयाग)- कश्मीर के सोपोर जिले में एक नागरिक की हत्या करने के मामले में एक पाकिस्तानी सहित दो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गो को यहां की एक स्थानीय अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों आतंकवादियों ने मार्च 2013 में सुहैल अहमद सोफी को गोली मार दी थी।


सोफी सोपोर के डोबगाह गांव का निवासी था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुसैन उस समय सोपोर में पुलिस अधीक्षक थे। उन्होंने इस मामले में जांच के लिए पुलिस की प्रशंसा की, जिसके कारण दोनों आतंकवादियों को दोषी ठहराया गया।


पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान दोनों आतंकवादियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोषियों में से एक नावेद बलूच है, जो पाकिस्तान के मुल्तान का निवासी है। बलूच लश्कर के कमांडर के रूप में सोपोर इलाके में काम कर रहा था। उसके साथी सोपोर निवासी फिरोज डार को भी सोफी की हत्या में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था।


पुलिस ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अपराध की जगह से एकत्र किए गए सबूत और जांच अधिकारियों द्वारा जुटाए गए अन्य सबूत अपराधियों को सजा दिलवाने में महत्वपूर्ण साबित हुए। अदालत ने दोनों आतंकवादियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


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