किसानों को फिर कुदरत की मार बिना मौसम ओला बृष्टि से फसल चौपट


 


चित्रकूट,(स्वतंत्र प्रयाग)अन्ना प्रथा से निजात मिलने के बाद किसान अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा था लेकिन बेमौसम ओलावृष्टि के चलते किसानों की फसल बर्बाद हो गई है जिसके चलते किसान एक बार फिर भुखमरी की कगार पर आकर खड़ा हो गया है l


जिले के मानिकपुर विकास खंड व रामनगर विकास खण्ड सहित मऊ विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत कुदरत की मार किसानों को बड़ी ही महंगी पड़ गयी है l


ओलावृष्टि के चलते किसानों की हजारों भीगे फसल नष्ट हो गई है यह गरीब लाचार किसान आखिर कुदरत के कहर का किससे हिसाब किताब लें यह एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है बुंदेलखंड का सबसे पिछड़ा क्षेत्र चित्रकूट जिले का मानिकपुर व बरगढ़ पाठा क्षेत्र गत वर्षो पूर्व भीषण सूखे की मार झेल चुका है ।


जिसके चलते किसानों की हालत देखते ही बनती थी लेकिन इस वर्ष सामान्य बारिश होने के चलते किसानों के चेहरे में खुशी की लहर देखने को मिल रही थी लेकिन इन किसानों पर कुदरत का कहर इस तरह बरपा की एक बार फिर किसान भुखमरी की कगार पर खड़े हो गए हैं l मानिकपुर व राम नगर विकास खंड सहित मऊ विकासखंड के ज्यादातर इलाकों में ओलावृष्टि के चलते हजारों बीघा फसल नष्ट हो गई है l


कुदरत का कहर इस तरह बरपा की बड़ी मात्रा में पत्थर पड़ा जो फसलों को नेस्तनाबूद करता चला गया ओलावृष्टि का पत्थर इतनी मात्रा में गिर रहा था कि पेड़ों से टहनियां तक कट-कट कर गिरने लगी थी वहीं दूसरी ओर गेहूं ,चने ,सहित अरहर की फसलों में बड़ा नुकसान देखने को मिल रहा है ओलावृष्टि के पत्थर देखकर किसानों का सीना छलनी हो गया l


अब अन्नदाता के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल इन गरीब किसानों के परिवार को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है l


 


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