कश्मीर में इंटरनेट बैन पर नीति आयोग सदस्य का विवादास्पद बयान, कहा-गंदी फिल्म ही तो देखते हैं


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): कश्मीर में इंटरनेट पर लगी पाबंदी पर नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत के बयान से बवाल हो गया है। यहां पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी उस पर गंदी फिल्में ही देखी जाती हैं।


सारस्वत ने कहा, 'अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा आप उस पर (इंटरनेट) कुछ भी नहीं करते हैं।


सारस्वत ने आगे कहा कि नेता दिल्ली की तरह कश्मीर में आंदोलन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'ये जो नेता वहां जाना चाहते हैं वह इसलिए जाना चाहते हैं ताकि जो आंदोलन दिल्ली की सड़कों पर हो रहा है वह उसे वहां करना चाहते हैं।


सारस्वत ने कहा, 'एक तरीका होता है। कश्मीर में इंटरनेट बंद है क्योंकि उसकी एक वजह है।  कश्मीर में अगर अनुच्छेद 370 को हमें प्रख्यात करना है और कश्मीर को एक राज्य के तौर पर आगे लाना है तो हमें मालूम है कि वहां कुछ ऐसे लोग हैं, कुछ ऐसे तत्व हैं जो इस तरह की सूचना का दुरुपयोग करेंगे। हम वहां जो कानून व्यवस्था लाना चाहते हैं वह उसे खराब करेंगे।' 


बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूरे प्रदेश में बंद प्रीपेड मोबाइल सेवा पांच महीने बाद बहाल कर दी गई है। इस पर एसएमएस सुविधा भी मिलेगी। जम्मू संभाग के सभी 10 जिलों तथा कश्मीर संभाग के दो जिलों कुपवाड़ा व बांदीपोरा में 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है। मोबाइल इंटरनेट का लाभ केवल पोस्टपेड मोबाइल उपभोक्ता ही उठा सकेंगे।


सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने बताया कि 153 वेबसाइट की सूची (व्हाइट लिस्ट) जारी की गई है, जिनका उपभोक्ता लाभ उठा सकेंगे। सभी मोबाइल कंपनियों को जरूरी हिदायत दे दी गई है।


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