कांग्रेस और उनका बनाया इको सिस्टम आज सीएए और 370 के खिलाफ खड़ा , विरासत की समस्याओं का हल निकालना ही होगा



बेंगलुरु (स्वतंत्र प्रयाग): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सीएए, अनुच्छेद 370 समेत कई अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा, ' हमें विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उसका हल तो निकालना ही होगा।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनका बनाया इको सिस्टम आज देश की संसद के खिलाफ खड़ा हो गया है।


दो दिवसीय दौरे के लिए कर्नाटक के सिद्धगंगा मठ पहुंचे पीएम मोदी यहां एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्ता से बटवारा धर्म के आधार पर हुआ। पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ धर्म के आधार पर विभेद होता है।


उन्होंने कहा कि 'आज हर देशवासी के मन में सवाल है कि जो लोग पाकिस्तान से अपनी जान बचाने के लिए, अपनी बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए यहां आए हैं, उनके खिलाफ तो जुलूस निकाले जा रहे हैं लेकिन जिस पाकिस्तान नेता उनपर ये जुल्म किया, उसके खिलाफ इन लोगों के मुंह पर ताले क्यों लगे हुए हैं।'
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पीएम ने कहा कि 'जो लोग आज भारत की संसद के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आज जरूरत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की इस हरकत को बेनकाब करने की है। अगर आपको आंदोलन करना ही है तो पाकिस्तान के पिछले 70 साल के कारनामों के खिलाफ आवाज उठाइए।'
 


मोदी ने कहा कि 'अगर आपको नारे लगाने ही हैं तो पाकिस्तान में जिस तरह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, उसे जुड़े नारे लगाइए। अगर आपको जुलूस निकालना ही तो पाकिस्तान से आए हिंदू-दलित-पीड़ित-शोषितों के समर्थन में जुलूस निकालिए।'


इससे पहले पीएम ने कहा, 'ये मेरा सौभाग्य है कि साल 2020 की शुरुआत तुमकुरू की इस पावन धरा से, आप सभी के बीच से कर रहा हूं. मेरी कामना है कि सिद्धगंगा मठ की ये पवित्र ऊर्जा समस्त देशवासियों के जीवन को मंगलकारी बनाए।


' उन्होंने कहा कि, 'पूज्य स्वामी श्री श्री शिवकुमार जी की भौतिक अनुपस्थिति हम सभी महसूस करते हैं। मैंने तो साक्षात अनुभव किया है कि उनके दर्शन मात्र से ही जीवन ऊर्जा से भर जाता था. उनके प्रेरक व्यक्तित्व से ये पवित्र स्थान दशकों से समाज को दिशा देता रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा, 'ये मेरा सौभाग्य है कि श्री श्री शिवकुमार जी की स्मृति में बनने वाले म्यूजियम का शिलान्यास करने का अवसर मिला। ये म्यूजियम, न सिर्फ लोगों को प्रेरणा देगा, बल्कि समाज और देश के स्तर पर हमें दिशा देने का भी काम करेगा।' उन्होंने कहा, 'भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है।


आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी। लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरु हुआ है।'पीएम ने कहा कि 'ये आकांक्षा नए भारत की है, ये आकांक्षा युवा सपनों की है, ये आकांक्षा देश की बहनों-बेटियों की है, ये आकांक्षा देश के गरीब, दलित, वंचित, पीड़ित, पिछड़े, आदिवासियों की है, ये आकांक्षा क्या है? भारत को समृद्ध, सक्षम और सर्वहितकारी विश्वशक्ति के रूप में देखने की है।


' पीएम ने कहा कि 'अब ये हर भारतीय का मानस बन चुका है कि विरासत में जो समस्याएं हमें मिली हैं, उनको हल करना ही होगा। समाज से निकलने वाला यही संदेश हमारी सरकार को भी प्रेरित करता है, प्रोत्साहित करता है।


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