ब्रह्मोस से लैस सुखोई 30 स्क्वाड्रन बेड़े में शामिल , वायुसेना की ताकत में बढ़ोतरी


तंजावुर (स्वतंत्र प्रयाग): भारतीय वायुसेना ने अपनी शक्ति में महत्वपूर्ण और शक्तिशाली इजाफा करते हुए सोमवार को यहां घातक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई 30 लड़ाकू विमान का नया दस्ता अपने बेड़े में शामिल कर लिया। सुखोई 30 को भारतीय वायुसेना के तंजावुर वायु स्टेशन के 222 टाइगर शार्क्स दस्ते में शामिल किया गया है। इस लड़ाकू विमान के शामिल होने से वायुसेना की ताकत बढ़ेगी।


ब्रह्मोस से लैस सुखोई 30 एमकेआई एक युद्धाभ्यास लड़ाकू विमान है। इस जबरदस्त लड़ाकू विमान के वायु स्टेशन में शामिल किये जाने के दौरान चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ जरनल बिपिन रावत भी मौजद रहे। यह दूसरी पंक्ति का लड़ाकू विमान है जो दक्षिण भारत के कोयंबटूर स्थित सुलुर हवाईबेस पर तैनात किया जाएगा। दक्षिण हवाई कमान में सुखोई 30 दस्ते को शामिल करने वाला थंजावुर तीसरा वायुसेना स्टेशन बन गया है।


सुखोई 30 के शामिल किये जाने से पहले भारत ने ओडिशा तट के पास मध्यम दूरी और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (बीवीआरएएएम) 'एस्ट्रा' के पांच सफल परीक्षण किये थे। बता दें कि तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी ने 28 मई 2013 को तंजावुर एयरफोर्स स्‍टेशन को आईएएफ में शामिल किया गया था। जबकि पहले इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल घरेलू विमानों के लिए होता था। तंजावुर एयरफोर्स स्‍टेशन के जरिए दक्षिण भारत में आईएएफ की क्षमताओं को मजबूत करना था।


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