भारत में इजरायली डिप्लोमैट आतंकी साजिश में शामिल था सुलेमानी, ट्रंप का दावा


 वाशिंगटन (स्वतंत्र प्रयाग) अमेरिकी  राष्ट्रपति ट्रंप ने हालांकि भारत में सुलेमानी के हमले के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया लेकिन आशा जताई जा रही है कि उन्होंने नई दिल्ली में 2012 की उस घटना को याद किया है जिसमें एक इजरायली डिप्लोमैट की पत्नी को निशाना बनाया गया था। उस वारदात में तेल येहूशुआ नाम की महिला जख्मी हुई थी जिसका ऑपरेशन कर उसके शरीर से छर्रे निकाले गए थे।


इस महिला के साथ उस गाड़ी का ड्राइवर भी जख्मी हुआ था जो गाड़ी चला रहा था। नई दिल्ली की यह घटना 13 फरवरी 2012 की है जिसमें कार में एक चुंबक के सहारे बम पहले ही फिट कर दिया गया था।


दिल्ली हमले की वह घटना अब तक नहीं सुलझ पाई और न ही भारत ने कभी उसके पीछे ईरान का हाथ बताया। उस समय की समाचार रिपोर्टों में कहा गया था कि तेहरान में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी रोशन की हत्या के लिए जवाबी कार्रवाई में ईरान की ओर से हमला किया गया था।


एक भारतीय पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काज़मी को उस साल 6 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उन पर हमले को अंजाम देने और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।  उन्हें अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत पर रिहा कर दिया था कि वे विदेश नहीं जा सकते।


उस वक्त की समाचार रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि पत्रकार ने कार पर हमले के लिए टोह लेने में मदद की थी। जिन 5 लोगों ने इजरायली डिप्लोमैट की कार पर हमला किया था । वे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्य थे। हालांकि उनकी पहचान होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था।


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