अमेरिका-ईरान टेंशन ने भारत को मुसीबत में डाला , निवेशकों के डूब सकतें हैं पैसे,जिससे बढ़ सकता हैं भारतीयों पर संकट


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग) अमेरिका ईरान के बीच हालिया घटनाक्रम से बढ़ रहे तनाव से पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल भी मानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के इस 'गैर-जिम्मेदाराना रवैये' से भारत के सामने मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने जो किया, उसे किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून की नजर में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।


सिबल ने कहा, 'इससे जवाबी कार्रवाई को उकसावा मिलेगा और आखिर में क्षेत्र में अस्थितरता बढ़ेगी और वहां हमारे व्यापक हितों को ठेस पहुंचेगी।वहीं पर दुनिया भर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली।


इसका असर भारत पर भी पड़ा और आगे भी गिरावट की आशंका बरकरार है। दरअसल, तनाव की वजह से निवेशक सतर्क हो गए हैं।ऐसे में बिकवाली बढ़ने की आशंका है।


मतलब ये कि लोग शेयर बेचकर निकल जाएंगे। शेयर बाजार में गिरावट का मतलब ये हुआ कि पहले से पैसे लगाए निवेशकों को नुकसान होगा। यह आर्थिक सुस्ती से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका होगा।


वहीं पर महंगाई और अन्‍य हालातों में आरबीआई द्वारा आने वाले मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं बचेगी। यानी सस्ते कर्ज का तोहफा नहीं मिलेगा।


दरअसल, रेपो रेट कटौती से बैंकों पर सस्‍ती ब्‍याज दर पर होम या ऑटो लोन देने का दबाव बढ़ता है। बता दें कि फरवरी महीने में मौद्रिक समीक्षा बैठक होने वाली है। इससे पहले दिसंबर की मौद्रिक बैठक में रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर था।


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