आईपीएस बनाम आईपीएस' पर अखिलेश ने कहा, जांच के नाम पर फाइलों को एक मेज से दूसरी मेज फिंकवा रही योगी सरकार


लखनऊ (स्वतंत्रप्रयाग) गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा साथी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप 'कथित' नहीं 'गंभीर' हैं। यूपी कैडर 2010 बैच के आईपीएस वैभव कृष्ण ने पुलिस महकमे और राज्य सरकार में भ्रष्टाचार के खुलासे को लेकर जो फाइल चलाई है, वह अब रुकेगी नहीं, चलती ही रहेगी।


सरकारी दफ्तरों में चली फाइलें रुका नहीं करती हैं। सूबे की मौजूदा हुकूमत अगर इसमें कुछ नहीं कर पाई तो जनता राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) को लाने के इंतजाम करे। हमारी सरकार इन कागजों को आगे बढ़ाएगी और ऐसे महाभ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त करेगी।"यह खरी-खरी बातें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही है।


अखिलेश शुक्रवार को लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। मौजूदा राज्य सरकार की कमियों को उजागर करते हुए अखिलेश यादव जिस तरह के अल्फाजों का इस्तेमाल कर रहे थे, उससे साफ जाहिर था कि प्रदेश में छिड़ी 'आईपीएस बनाम आईपीएस' की लड़ाई को समाजवादी पार्टी दूर तक ले जाएगी।


अखिलेश ने साफ-साफ कहा, "यूपी पुलिस में ट्रांसफर, पोस्टिंग में लाखों के वारे-न्यारे होते हैं। थानेदार से लेकर जिले के कप्तान, आईजी, डीआईजी तक की पोस्टिंग की उम्मीदें रिश्वत की बैसाखियों पर घिसटती हैं। यह आरोप हम (सपा पार्टी) नहीं लगा रहे, बल्कि देश का एक आईपीएस (एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण) खुलेआम लगा रहा है।


ऐसे में सोचिए कि सूबे में कानून व्यवस्था का असली चेहरा कितना खतरनाक हो चुका है।"सपा अध्यक्ष ने मौका मिलने पर मन की हर बात बेबाकी से कही, "मौजूदा सरकार भूल जाए कि सरकार में चली फाइलों या कागजात कभी कहीं रुका करते हैं।


हां, बशर्ते उनमें आग न लगवा दी जाए। अगर समाजवादी पार्टी की सरकार राज्य में लौटी तो इन्हीं फाइलों/दस्तावेजों (एसएसपी गौतमबुद्ध नगर द्वारा शासन को भेजी गई भ्रष्टाचार संबंधी जांच रिपोर्ट) को हम आगे बढ़ाएंगे। दोषियों को बर्खास्त कराएंगे। मगर अभी सत्ता में मौजूद राज्य सरकार केंद्र से ऐसे भ्रष्ट अफसरों को बर्खास्त क्यों नहीं करवाती है? अगर वे अपनी जगह सही हैं और ईमानदार हैं? जांच के नाम पर फाइलों को एक मेज से दूसरी मेज पर क्यों फिंकवा रही है।


"अखिलेश यादव ने कहा, "एक मेज से दूसरी मेज पर फाइलें भिजवाते रहने से सरकार वक्त तो जाया कर सकती है, मगर वह यह न भूले कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों से कुपित/पीड़ित जनता की नजर में ये फाइलें अंजाम सामने आने तक करकती/खटकती रहती हैं। जनता सरकार बनाती तो है, मगर भ्रष्ट सरकारी तंत्र की मानिंद वह कभी इन फाइलों को भूलती नहीं है। यूपी पुलिस में भ्रष्टाचार का जो मामला उजागर हुआ है, उसे सूबे की सरकार भूलने/भुलाने की हर-संभव कोशिश कर रही है और आगे भी करेगी। मगर जनता भूलेगी नहीं।


बस हमें इंतजार है कि जितनी जल्दी हो, जनता सपा की सरकार सूबे में कायम कराए और फिर हम इन भ्रष्ट अफसरों को नेस्तनाबूद करें।"अखिलेश के भाषण से एक बात साबित हो गई कि आईपीएस-बनाम-आईपीएस के बीच भ्रष्टाचार को लेकर छिड़ी जंग को सपा किसी भी कीमत पर 'कैश' कराने से नहीं चूकेगी। दूसरे यह भी गलत नहीं होगा कि आईपीएस-बनाम-आईपीएस की इस लड़ाई के जिन्न ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरोधियों को बैठे-बिठाए एक बेहद गरम मुद्दा हाथ में दे दिया है।


सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह ने नई दिल्ली में कहा, "आईपीएस बनाम आईपीएस की लड़ाई समाजवादी पार्टी के लिए मुद्दा नहीं, बल्कि एक बेहद जटिल समस्या और सच्चाई है। अगर गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपने ही महकमे के कई भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ सबूतों के साथ मोर्चा नहीं खोला होता, तो सोचिए कि सूबे में आज और किसी की क्या ऐसी हिम्मत होती? वैभव कृष्ण की जांच रिपोर्ट्स को जिन्न मत कहिए।


यह भ्रष्टाचार के खिलाफ असली लड़ाई की शुरुआत है, जिसे सपा अंजाम तक पहुंचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। सब कुछ तो सामने है। हमें अब सिर्फ मौके की तलाश है।"आईपी सिंह के मुताबिक, "यूपी में एक पुलिस महकमा भ्रष्टाचार में डूबा है, ऐसा नहीं है। पूरी की पूरी राज्य सरकार इसमें डूबी है।


सरकार को सीएम योगी नहीं ब्यूरोक्रेट चला रहे हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार नहीं होगा तो क्या रामराज आएगा? जिस हूकुमत में राज्य का सरकारी खजाना भरने के लिए प्रमुख सचिव स्तर के आला-अफसरान किसानों से उगाही को गांव-खेत-खलिहान में उतार दिए जाएं, कल्पना कीजिए ऐसी हुकूमत किस कदर बेचारी हो चुकी होगी।


यूपी पॉवर कॉर्पोरेशन में करोड़ों रुपये के हेर-फेर का जब हमारी पार्टी ने भंडाफोड़ किया, तो सूबे की सरकार ने उस घाटे की भरपाई के लिए किसानों के सीने-गले दबाने शुरू कर दिए। मैं तो कहूंगा कि मौजूदा राज्य सरकार को तुरंत इस पर श्वेत पत्र लाना चाहिए।"इस पूरे मसले पर शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी योगी सरकार को खुलकर घेरा।


उन्होंने कहा, "अब तो विरोधी आरोप नहीं लगा रहे हैं। योगी के अपने आईपीएस भी मय सबूतों और गवाहों के आरोप लगा रहे हैं। अब योगी क्यों जांच के नाम पर मामले को आगे खींच रहे हैं। फाइल सामने है। निपटा क्यों नहीं देते भ्रष्टाचारियों को।"लल्लू ने सोशल मीडिया पर लिखा, "इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। वरना सब फाइलों में कफन-दफन कर दिया जाएगा, क्योंकि भ्रष्टाचार के आरोप आम आदमी पर नहीं बल्कि सरकारी हुक्मरानों पर लग रह हैं।"


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुरा छात्र एवं विंध्य गौरव ख्याति समारोह बड़े शानोशौकत से हुआ सम्पन्न

प्रयागराज में युवक की जघन्य हत्या कर शव को शिव मंदिर के समीप फेंका , पुलिस ने शव को लिया अपने कब्जे में

अंडरलोड ट्रक को सीज कर राजस्व की कर रहे है पूर्ति ओवरलोड अवैध खनन को दे रहे बढ़ावा