NPR का NRC से कोई संबंध नहीं, विपक्ष फैला रहा भ्रम: अमित शाह  


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): केंद्रीय कैबिनेट ने NPR अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एनआरसी, सीएए और डिटेंशन सेंटर जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। मीडिया हाउस से बातचीत करते हुए अमित शाह ने कहा मैं एक बार स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि एनआरसी और एनपीआर में कोई भी संबंध नहीं है। शाह ने कहा, NPR में कुछ नाम छूट जाएं, फिर भी उनकी नागरिकता रद्द नहीं की जाएगी क्योंकि यह NRC की प्रक्रिया नहीं है। NRC एक अलग प्रक्रिया है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनपीआर की वजह से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। एनआरसी के मुद्दे पर गृहमंत्री ने कहा, अभी इस पर बहस की कोई जरूरत नहीं है। अभी इस पर कोई बात नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर पहले ही सब साफ कर चुके हैं। इस पर अभी न ही कैबिनेट में और न ही पार्लियामेंट में कोई चर्चा हुई है। एनपीआर के समय पर सवाल पर उन्होंने कहा, इसे सीएए या एनआरसी से जोड़ना गलत है। हमने 2019 में ही एनपीआर के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। तो ये कहना कि हम इसे इस समय क्यों लाए, 
अमित शाह ने कहा, हमने अब तक एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं की है। एआईएमआईएम नेता ओवैसी जैसे नेताओं के रुख से कोई आश्चर्य नहीं है। अमित शाह ने सीएए पर कहा, जब लोकसभा राज्यसभा में बिल पेश किया था, तभी कहा था कि इस कानून से लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इसमें कही भी नागरिकता छीनने की बात नहीं थी। लेकिन कुछ लोगों ने इसकी आड़ में हिंसा भड़काई। लेकिन अब इसमें कमी आई है।अमित शाह ने केरल और पश्चिम बंगाल में NPR के लिए मना करने पर कहा, मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और अपने फैसलों की समीक्षा करें। सिर्फ अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास के कार्यक्रमों से दूर न रखें।


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