नहरों का रोस्टर किसानों की सुविधा के हिसाब से तैयार कराया जाय: डॉ. सिंह


लखनऊ (स्वतंत्र प्रयाग): उत्तर प्रदेश सरकार ने सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी किसानों के अंतिम खेत तक पहुंचाने के निर्देश दिये है। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ. महेन्द्र सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है, इसलिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी किसान के अंतिम खेत तक पहुंचना चाहिए।


उन्होंने कहा कि नहरों का रोस्टर किसानों की सुविध के हिसाब से तैयार कराया जाय।उन्होंने मुख्य अभियंताओं को सिंचाई विभाग की भूमि तथा सरकारी गेस्ट हाउसों पर अवैध कब्जेदारों की नाम सहित सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। सभी पुल व पुलियों की मरम्मत, रंगाई- पुताई, पुलियों तथा पुल के नीचे की सिल्ट सफाई एवं नहरों को पूरी क्षमता से चलाकर टेल तक पानी पहुंचाने की हिदायत दी।


इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जायेगा और संबंधित अधिकारी को जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।, डॉ0 सिंह ने कहा कि प्रदेश की नहरें सिंचाई विभाग की पहचान हैं। किसानों के लिए जीवनदायिनी हैं, इसलिए पूरी गंभीरता से नहरों की सफाई की जानी चाहिए।


इसके साथ ही नहरों को वास्तविक स्वरूप में लाते हुए इसके किनारे की झाड़ आदि को पूरी तरह से सफाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियंता पूरी पारदर्शिता से कार्य करते हुए अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लायें और विभाग को पूरे देश का नंबर एक विभाग बनाने में जुट जाएं।जलशक्ति मंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग प्रदेश का सबसे पुराना विभाग है।


इसकी पूरी सम्पत्तियों एवं संसाधनों का रिकार्ड होना चाहिए। इसके साथ ही नहर की जमीन पर अवैध कब्जा को हटाने के साथ ही भूमि का पट्टा किसी को नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने नहर प्रणालियों के पुराने गेटों की मरम्मत करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने डिस्प्ले बोर्ड पर सींचपाल व संबंधित अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर, नहर की लंबाई आदि विवरण दर्ज करने को भी कहा।


इसके साथ ही सिंचाई विभाग का ''लोगो'' भी दर्शाने के निर्देश दिए।डाॅ. सिंह ने नहरों को चलाने का रोस्टर किसानों की उपयोगिता एवं सुविधा के अनुसार तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि रोस्टर तैयार करने की प्रणाली बहुत पुरानी है। रोस्टर किसान की डिमांड के हिसाब से तैयार किया जाना चाहिए।


उन्होंने इस मौके पर बेतवा, पूर्वी गंगा, गंगा, यमुना, लिफ्ट कैनाल, बेतवा परियोजना, गण्डक, सोन नहर प्रणाली, शारदा नहर, सरयू-एक, सरयू-दो तथा इन सभी खण्डों से जुड़ी अल्पिकाओं, रजवाहे आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।


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