नई तकनीक विकसित कर रहा एम्स, पोस्टमार्टम के लिए नहीं करनी पड़ेगी लाश की चीरफाड़

  नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि पोस्टमार्टम (शव परीक्षण) के लिए नई तकनीक खोज ली गई है जिसमें पार्थिव शरीर की चीर फाड़ करने की आवश्यकता नहीं होगी। डा. हर्षवर्धन ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने मिलकर शव परीक्षण के लिए एक ऐसी तकनीक तैयार की है जिसमें पार्थिव शरीर की चीर फाड़ करने की जरुरत बंद हो जाएगी।


उन्होंने कहा कि छह माह में एम्स में इस तकनीक से शव परीक्षण शुरू हो जाएंगे। इस तकनीक से तमाम सूचनाओं और जानकारियों को डिजिटल रूप में रखा जाएगा। इससे फिर कभी जरूरत पडऩे पर इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह तकनीक पहले नई दिल्ली के एम्स में लागू की जाएगी और फिर देश के अन्य अस्पतालों को भी उपलब्ध करायी जाएगी।


उन्होंने कहा कि इसके लिए एम्स डाक्टरों और कर्मियों को प्रशिक्षण भी देगा। मंत्री ने कहा कि नई तकनीक में मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखा गया है। दक्षिण एशिया में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला पहला देश है। यह तकनीक जर्मनी, नार्वे, इजरायल, स्वीडन, ब्रिटेन और हांगकांग में इस्तेमाल की जा रही है।


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